शर्मिला जोशी, निवेश सलाहकार, चेशायर इन्वेस्टमेंट
राजनीति का असर मौजूदा उतार-चढ़ाव में आ चुका है और अब लोगों का ध्यान वापस कंपनियों की आय पर है। हमारा ध्यान उन कंपनियों पर है, जिन पर उधारी कम है, आय अच्छी है और कारोबारी संभावनाएँ मजबूत हैं।
अगले छह महीनों में बाजार की चाल पर सबसे ज्यादा असर कंपनियों के तिमाही नतीजों का ही होने वाला है। तीसरी तिमाही के लिए हमारा अनुमान है कि आय में 5-10% के बीच वृद्धि होगी। अगर आय में 10% वृद्धि भी हासिल हो सकी, तो भारत सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले उभरते बाजारों में से एक होगा। मगर अब तक की धीमी वृद्धि एक चिंता है। (शेयर मंथन, 08 जनवरी 2016)