टी. एस. हरिहर, सीईओ, एचआरबीवी क्लाएंट सॉल्यूशंस
उच्च जीडीपी वृद्धि दर के परिप्रेक्ष्य में भारत वैश्विक बाजारों को पछाडऩा जारी रखेगा। हालाँकि प्रीमियम मूल्यांकन बरकरार रखने के लिए कॉर्पोरेट लाभ के आँकड़ों में जल्द सुधार आने की जरूरत होगी।
नये साल के लिए घरेलू संस्थागत निवेश में वृद्धि, कच्चे तेल की निचली कीमतें और क्षमता में कमी सकारात्मक बातें हैं। लाभ में वृद्धि, एफपीआई निवेश और चीन की मंदी चिंता की वजहें हैं। (शेयर मंथन, 08 जनवरी, 2016)