आनंद टंडन, निदेशक, ग्रिफन एडवाइजर्स
आने वाले समय में सूचकांक नकारात्मक रुझान के साथ एक दायरे में रहेगा। जब थोक महँगाई फिर से बढऩी शुरू होगी, उसके बाद आर्थिक वृद्धि फिर से दिखनी शुरू हो सकती है। कंपनियों की आय में वृद्धि कुछ बाद में आयेगी और अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नजर आने लगेगी। मेक इन इंडिया का असर बाजार के लिए सकारात्मक होगा। वहीं विदेशी निवेश प्रवाह में धीमापन नकारात्मक असर डालेगा। फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें अगर जल्दी-जल्दी बढ़ीं तो यह हमारे लिए नकारात्मक होगा। (शेयर मंथन, 08 जनवरी, 2016)