निफ्टी 50 के लिए ताजा सर्वेक्षण में जून 2016 के अंत का औसत लक्ष्य 8,528 का आया है। इस तरह 31 दिसंबर 2015 के बंद स्तर 7,946 से निफ्टी 50 में भी अगले छह महीनों में 7.3% बढ़त की संभावना दिखती है।
हालाँकि जुलाई 2015 के सर्वेक्षण के मुकाबले यह ताजा अनुमान एक हजार अंक से ज्यादा नीचे है। जुलाई 2015 में सामने आये औसत अनुमान के मुताबिक जून 2016 के अंत तक निफ्टी 50 का लक्ष्य 9,575 का था।
निफ्टी 50 के मामले में भी अधिकांश जानकार छह महीने बाद 8,000 से ऊपर के ही लक्ष्य ले कर चल रहे हैं, यानी मौजूदा स्तरों पर अटक जाने या इससे भी कमजोर रह जाने की संभावना जताने वाले कम ही हैं। केवल 8.5% जानकारों ने कहा है कि जून 2016 में यह 7,500 पर या इससे भी नीचे रहेगा। वहीं 51.1% की राय में इसका छह महीने बाद का लक्ष्य 8,001-8,500 के दायरे में बनता है। इसके बाद 21.3% विश्लेषकों ने इससे ऊपर 8,501-9,000 तक के लक्ष्य रखे हैं। वहीं 19.1% विश्लेषकों ने 9,000 से भी ऊपर के लक्ष्य बताये हैं।
विश्व अर्थव्यवस्था पर दारोमदार
अगले छह महीनों के लिए भारतीय बाजार को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले कारक कौन होंगे, इस प्रश्न के जवाब में सबसे ज्यादा 47.9% विश्लेषकों ने कच्चे तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था की चाल को चिह्नित किया है। इसके बाद 18.8% जानकारों की राय में 2015-16 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2015 की अवधि में कंपनियों के कारोबारी नतीजे बाजार की चाल के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहेंगे। वहीं 12.5% विश्लेषकों ने महँगाई दर और ब्याज दरों को सबसे महत्वपूर्ण माना है, जबकि 10.4% विश्लेषकों की नजर भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर (जीडीपी) के आँकड़ों पर सबसे ज्यादा टिकी रहेगी।
(शेयर मंथन ने भारतीय बाजार के 50 दिग्गज विशेषज्ञों का सर्वेक्षण किया है। भागीदारों की संख्या के आधार पर यह भारतीय शेयर बाजार के विशेषज्ञों का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण में आँकड़ों और टिप्पणियों के संग्रह की अवधि 21-29 दिसंबर 2015 थी।)
(शेयर मंथन, 08 जनवरी 2016)