निचले कमोडिटी भावों का लाभ
ए. के. प्रभाकर, रिसर्च प्रमुख, आईडीबीआई कैपिटल
साल 2016 में पहली छमाही में कुछ तेजी दिख सकती है, जो बाद में शांत हो जाने की संभावना रहेगी। खास क्षेत्रों और शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है।
साल 2016 में पहली छमाही में कुछ तेजी दिख सकती है, जो बाद में शांत हो जाने की संभावना रहेगी। खास क्षेत्रों और शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है।
सरकार ने जो अब तक जो कदम उठाये हैं, उनका असर 2017 से दिखना शुरू हो जायेगा। साल 2016 के अंत तक सेंसेक्स 34,000 पर पहुँचने की उम्मीद है।
मुझे उम्मीद है कि अगली तिमाही के बाद आर्थिक विकास दर में सुधार होगा। हाल के आँकड़े अच्छे रहे हैं। विकास दर और कंपनियों की आय में वृद्धि दिखने पर भारतीय बाजार की रीरेटिंग हो जायेगी।
मैं भारत के बारे में बहुत नकारात्मक नहीं हूँ, फिर भी वैश्विक बाजारों, खास कर चीन और यूरो जोन में गड़बड़ी आने से भारत पर भी असर पड़ेगा।
भारतीय बाजार घरेलू माँग के जरिये तेजी पर रहेंगे और भारत कमोडिटी एवं कच्चे तेल की कम कीमतों से लाभान्वित होगा। सरकार को सुधार एजेंडा और व्यापार सुगमता पर जम कर काम करना चाहिए।