बहुत ही जल्द कुछ खास तरह के म्यूचुअल फंड की एनएवी की गणना अलग तरीके से होगी। दरअसल, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ चुनिंदा योजनाओं की एनएवी के कट ऑफ टाइम को बदलने का प्रस्ताव पेश किया है।
क्या है सेबी का प्रस्ताव?
बाजार नियामक ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि ओवरनाइट फंड की एनएवी के कट ऑफ टाइम को बदलना चाहिए। यूनिट खरीदने और बेचने के लिए एनएवी के कट ऑफ टाइम को 3 बजे से बढ़ाकर 7 बजे तक किया जाना चाहिए। सेबी का कहना है कि इन योजनाओं को यूनिट खरीदने-बेचने के लिए ज्यादा वक्त दिया जाना चाहिए। अगर सेबी का ये प्रस्ताव लागू हो जाता है तो ओवरनाइट फंड्स के लिए फंड घरानों को अभी से 4 घंटे का अतिरिक्त वक्त मिलेगा। अभी तक इन योजनाओं के लिए म्यूचुअल फंड घरानों के पास दोपहर 3 बजे तक का ही वक्त होता है। इसके अंदर फंड्स को बेचने और खरीदने की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
क्या कहते हैं जानकार?
जानकारों का कहना है कि सेबी का ये प्रस्ताव इंडस्ट्री के लिए काफी सही है। ज्यादा वक्त मिलने से फंड हाउस जल्दबाजी में नहीं बल्कि संयम का परिचय दिखाते हुए सही फैसला ले पाएँगे। लिहाजा निवेशकों के लिए इन योजनाओं में ज्यादा रिटर्न की संभावना बढ़ जायेगी।
क्या होते हैं ओवरनाइट फंड्स?
ओवरनाइट म्यूचुअल फंड एक डेट म्यूचुअल फंड स्कीम है जो मुख्य रूप से उन परिसंपत्तियों में निवेश करती है जिनकी परिपक्वता अवधि सिर्फ 1 दिन की होती है। इन योजनाओं में जोखिम कम और तरलता ज्यादा होती है। इसलिए इन्हें अल्प अवधि के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है।
(शेयर मंथन, 21 जनवरी 2025)
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