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म्यूचुअल फंड या एनएससी : किससे मिलेगा सुरक्षा के साथ अच्छा रिटर्न, यहाँ समझें अंतर

अपनी एकमुश्त रकम के निवेश के लिए आपके पास बैंक की सावधि जमा योजनाओं (एफडी) के अलावा राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) और म्यूचुअल फंड योजना का भी विकल्प है। मगर बैंक की एफडी में एनएससी और म्यूचुअल फंड योजनाओं के मुकाबले प्रतिफल कम मिलता है। इसलिए निवेश के लिए एनएससी और म्यूचुअल फंड दो ही विकल्प बचते हैं। 

एनएससी जहाँ सरकारी योजना है, वहीं म्यूचुअल फंड योजनाएँ एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ पेश करती हैं। एनएससी में आप 5 साल के लिए रुपये जमा कर सकते हैं। अभी एनएससी पर सरकार 7.7% के हिसाब से ब्याज मिल रहा है। 5 साल की परिपक्वता अवधि पूरी होने पर आपको पूरी रकम ब्याज समेत मिलती है।

इसके मुकाबले म्यूचुअल फंड में भी एकमुश्त निवेश कर सकते हैं, मगर इसमें निश्चित प्रतिफल की गारंटी नहीं होती है। हालाँकि इसमें निवेश पर आपको साल में 12% का रिटर्न मिल सकता है, जो एनएससी से अधिक है। लेकिन ज्यादा रिटर्न के साथ जोखिम भी ज्यादा है। एनएससी जहाँ निवेश का एक सुरक्षित तरीका है, वहीं म्यूचुअल फंड में थोड़ा जोखिम तो है। तो चलिये अब ये समझने की कोशिश करते हैं कि एनएससी और म्यूचुअल फंड में निवेश से क्या और कितना फायदा मिलेगा?

NSC में कितना फायदा?

मान लीजिये आप 1 लाख रुपये 5 साल के लिए एनएससी में निवेश करते हैं। उस पर मिलने वाले सालाना ब्याज की दर 7.7% है। इस तरह से 5 साल बाद आपको 44,903 रुपये बतौर ब्याज मिलेंगे और परिपक्वता पर आपको 1,44,903 रुपये की कुल रकम मिलेगी। एनएससी में गारंटीड रिटर्न मिलता है। आपके निवेश के दौरान अगर सरकार ब्याज दरों कटौती या बढ़ोतरी करती है तो उसका असर आपको मिलने वाली ब्याज की दर पर नहीं पड़ेगा।

म्यूचुअल फंड में कितना फायदा?

हम यहाँ पर भी 1 लाख रुपये की राशि और निवेश की अवधि 5 साल है। अगर आपको निवेश में औसतन 12% का भी रिटर्न मिलता है तो आपको 76,234 रुपये ब्याज के तौर पर मिलेंगे। इस तरह समान अवधि में आपको 1,76,234 रुपये मिलेंगे जो कि एनएससी से ज्यादा है। लेकिन म्यूचुअल फंड्स सीधे तौर से शेयर बाजार से जुड़े होते हैं। अगर बाजार तेजी का है तो रिटर्न ज्यादा हो सकता है, वहीं मंदी के माहौल में प्रतिफल कम भी हो सकता है। यानी इसमें मिलने वाला रिटर्न बाजार के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकता है।

म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश से पहले ध्यान देने वाली बातें

निवेश पर ज्यादा रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड योजनाओं से बेहतर कुछ और नहीं क्योंकि इसमें ब्याज नहीं प्रतिफल मिलता है जो शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है। उस लिहाज से आप बाजार की चाल को देखते हुए निवेश कर सकते हैं।

मगर, जानकारों का मानना है कि एकमुश्त पैसा तभी लगायें जब पूँजी बड़ी हो और बाजार की अच्छी समझ हो, क्योंकि छोटी रकम भारी नुकसान करवाने के लिए काफी है। साथ ही, म्यूचुअल फंड में निवेश तभी करें, जब आप बाजार के जोखिम को समझते हों। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना ही चाहते हैं तो एसआईपी करें। इससे आपको एवरेजिंग का फायदा तो मिलेगा ही, साथ ही जोखिम भी कम होगा।

(शेयर मंथन, 05 फरवरी 2025)

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