सोने की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं। इसके कई कारण हैं, जैसे वैश्विक अनिश्चितता, सुरक्षित ठिकाना माँग, और दुनिया के केंद्रीय बैंकों की खरीद। इन केंद्रीय बैंकों में भारतीय रिजर्व बैंक भी है जो जम कर सोना खरीद रहा है। इस बात का खुलासा वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट से हो रहा है जिसके मुताबिक आरबीआई दुनिया के उन तीन केंद्रीय बैंकों में शुमार है जो बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं।
आरबीआई ने जमकर सोना खरीदा
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने पिछले साल रिकॉर्ड 72.6 टन सोना खरीदा है। यह बढ़ोतरी एक साल पहले की तुलना में चार गुना अधिक है। इसी के साथ 2024 कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही में आरबीआई का स्वर्ण भंडार बढ़कर 876.18 टन हो गया है, जबकि 2023 के कैलेंडर वर्ष में देश का स्वर्ण रिजर्व 803.58 टन था। इसके बाद सोने की नेट खरीदारी के मामले में भारत अब पोलैंड और तुर्किए के केंद्रीय बैंकों से ठीक पीछे है।
रिपोर्ट में इसके साथ ये भी कहा गया है कि दुनिया के सेंट्रल बैंकों ने मिलकर 1000 टन से भी ज्यादा सोना सिर्फ 2024 में खरीदा है। आपको बता दें कि आरबीआई ने साल 2017 में सोना खरीदना शुरू किया था जो अब तक जारी है। 2021 के बाद ये पहली बार है जब आरबीआई ने इतनी बड़ी मात्रा में सोना खरीदा है। इसी के साथ भारत दुनिया के उन टॉप 10 देशों में भी शामिल हो गया है जिसके पास सबसे ज्यादा स्वर्ण रिजर्व है। वैसे दुनिया में सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडार के मामले अमेरिका पहला और फिर चीन आता है।
आरबीआई की सोने की खरीद
साल खरीद (टन)
2023 18.0
2024 72.6
आरबीआई क्यों इतना सोना खरीद रहा है?
रुपये में आ रही अस्थिरता को काबू में लाने के लिए देश में भारी मात्रा में सोने का भंडार होना जरूरी है, इसलिए आरबीआई इतना सोना खरीद रहा है। जैसे अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान मूल्यांकन बढ़ने के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में 56 अरब डॉलर का इजाफा हुआ था। लेकिन, एक साल पहले इसी अवधि में 17.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
दूसरी ओर, 2023 में सोने की कीमतों में 25% से अधिक की तेजी दिखी गयी। इससे सेंट्रल बैंक के पास रखे सोने कीमत भी इतनी ही यानी 25% बढ़ गयी। इसके बावजूद आरबीआई ने सोने को बेचकर मुनाफा नहीं कमाया, क्योंकि वह उन केंद्रीय बैंकों में से है जिसने शायद ही कभी अपने रिजर्व में सोना बेचा हो।
ट्रंप की वापसी से बदली रणनीति?
डोनल्ड ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तब से डॉलर में मजबूती और रुपये में गिरावट देखने को मिल रही है। इसी वजह से कई देशों के सेंट्रल बैंकों को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा है। नतीजतन, ग्लोबल सेंट्रल बैंकों में नेट सोने की खरीद के मामले में भारत अब केवल पोलैंड और तुर्की से पीछे है।
(शेयर मंथन, 07 फरवरी 2025)
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