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चैटजीपीटी को टक्कर देने के लिए चीन ने अपना नया एआई चैटबॉट डीपसीक बाजार में उतारा है, जिसके कारण पिछले दिनों अमेरिका के शेयर बाजार धड़ाम हो गये थे। दोनों देशों के बीच जारी इस प्रतिद्वंदिता के बीच भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को इन दोनों चैटबॉट्स को इनका इस्तेमान न करने का आदेश जारी किया गया है।
इस आदेश में सरकारी कर्मचारियों को एआई ऐप्स और प्लेटफॉर्म को लेकर जानकारी दी गयी है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी इस आदेश में सरकारी कर्मचारियों से कहा गया है कि कार्यालय के कंप्यूटर और लैपटॉप में चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टूल्स का इस्तेमाल करना सरकार के गोपनीय दस्तावेजों और डेटा के नजरिये से खतरनाक हो सकता है।
दरअसल, डीपसीक को लेकर कई खबरों में दावा किया गया है कि यह सिस्टम और यूजर के डेटा को चीन स्थित कंपनियों को भेजता है। ऐसे में यह खतरनाक हो सकता है।
डेटा लीक होने का खतरा
सरकार की तरफ से जारी सर्कुलर में यह कहा गया है कि एआई ऐप्स और टूल का इस्तेमाल सरकारी कंप्यूटर-लैपटॉप आदि में नहीं करना चाहिये। सरकार ने यह फैसला डेटा और निजता को वरीयता देते हुए लिया है। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि इस कदम के जरिये वे एआई का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का मनोबल कम नहीं करना चाहते हैं।
बड़ी संख्या में देश में हैं एआई यूजर्स
बता दें कि देश में कई एआई ऐप्स और टूल्स इन दिनों लोकप्रिय हैं और इनका इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं। इनमें चैटजीपीटी, डीपसीक और गूगल जेमिनी प्रमुख हैं। इन ऐप्स का इस्तेमाल करने के लिए साइन-अप करते वक्त यह अनुमति माँगते हैं। ऐसे में सरकारी दफ्तरों के कंप्यूटर आदि में इसका इस्तेमाल करने पर डेटा लीक का खतरा पैदा हो सकता है। बता दें कि आजकल एआई के जरिये कई तरह के काम यूजर्स करते हैं। मसलन, अनुवाद करने से लेकर फोटो बनाने, वीडियो बनाने आदि में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। एआई को जैसा प्रॉम्प्ट दिया जाता है, वह उसके मुताबिक उत्पाद देता है।
(शेयर मंथन, 07 फरवरी 2025)
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