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सोशल मीडिया पर शेयर बाजार में निवेश के लिए लुभाने वालों के खिलाफ बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) सख्त है। बिना पंजीकरण के शेयर बाजार पर टिप्स देने वाले फिनफ्लूएंसरों को लेकर हाल में सेबी ने कुछ निर्देश जारी किये थे। इसके बावजूद ऐसे लोगों की दुकान बदस्तूर जारी है।
मगर सेबी ने अब इनकी धरपकड़ तेज कर दी है और इसी कड़ी में शेयर बाजार की शी वुल्फ और ऑप्शन क्वीन के नाम से मश्हूर अस्मिता जीतेंद्र पटेल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब न तो वो शेयर बाजार से जुड़ी कोई टिप दे पाएँगी और न ही लोगों को ठग कर पैसे कमाने का सपने पूरा कर पाएँगी।
सेबी ने किया शेयर बाजार से बैन
यूट्यूबर अस्मिता जीतेंद्र पटेल सोशल मीडिया पर खुद को स्टॉक बाजार की वुल्फ (भेड़िया) बताती थी। इन्होंने स्टॉक बाजार से जुड़े टिप्स और ऑप्शन सौदों से जुड़े टिप के जरिये 104 करोड़ रुपये कमाये हैं। मगर अब सेबी ने न सिर्फ इन्हें शेयर मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है, बल्कि उनकी जमा पूँजी में से 54 करोड़ रुपये जब्त भी कर लिए हैं।
पति और इंस्टीट्यूट पर भी कार्रवाई
सेबी ने अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड और इससे जुड़ी 5 दूसरी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की है। अस्मिता ने इस स्टॉक मार्केट ट्रेनिंग स्कूल से 53.67 करोड़ रुपये कमाये थे जिसे सेबी जब्त कर लिया। साथ ही उन्हें और उनके पति जितेश जेठालाल पटेल को बिना पंजीकरण के शेयर बाजार में निवेश सलाह और रिसर्च एनालिस्ट सेवायें देने और शेयर बाजार में काम करने से रोक दिया है। सेबी ने अस्मिता पटेल और उनके पति दोनों से ही सफाई माँगी है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
अस्मिता जिस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को चलाती हैं वहीं के लोगों ने सेबी से शिकायत कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सेबी ने जाँच शुरू कर दी। इसमें सेबी ने पाया कि ये इंस्टूट्यूट ‘लेट्स मेक इंडिया ट्रेड’, ‘मास्टर्स इन प्राइस एक्शन ट्रेडिंग’ और ‘ऑप्शन्स मल्टीप्लायर’ जैसे कोर्स ऑफर करता था। इन कोर्स को करने वाले लोगों से अच्छी खासी फीस भी वसूली जाती थी। लेकिन उन्हें ट्रेडिंग सिखाने के नाम पर निवेश सलाह दी जाती थी।
सेबी ने अपनी जाँच में ये भी पाया कि अस्मिता पटेल और उनकी टीम अपने कोर्स के जरिये पढ़ने आए लोगों को शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए प्रेरित करते थे। उनकी कोशिश होती थी कि उनके बताए टिप्स को मानकर लोग बाजार में निवेश करें। इसके लिए उन्होंने बकायदा टेलीग्राम चैनल्स तक बना रखे थे जिन पर शेयरों की खरीद-बिक्री की टिप्स दी जाती थीं। साथ ही इन लोगों का एक खास ब्रोकरेज फर्म में अकाउंट भी खुलवाया जाता था।
पैसा कैसे मैनेज होता था?
बाजार नियामक ने जाँच में पाया कि लोगों से मिली फीस को सीधा अकाउंट में नहीं लिया जाता था। बल्कि उसे किसी तीसरे के खाते में ट्रांसफर कराया जाता था। कोर्स फीस का बड़ा हिस्सा थर्ड-पार्टी कंपनियों के जरिये घुमाया जाता था। इनमें किंग ट्रेडर्स (सागर धनजीभाई), जेमिनी एंटरप्राइज (सुरेश परमशिवम) और यूनाइटेड एंटरप्राइज (जिगर रमेशभाई दावड़ा) शामिल हैं। सेबी ने इन सभी को शेयर मार्केट से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
सेबी की फिनफ्लुएंसर्स पर सख्ती
सेबी अन रजिस्टर्ड फिनइंफ्लुएंसर्स के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रहा है। दिसंबर में ‘बाप ऑफ चार्ट’ के नाम से मशहूर नासिरुद्दीन अंसारी पर भी कार्रवाई की थी। इसी साल जनवरी में सेबी ने ऐसे नियम प्रस्तावित किए हैं जो अन-रजिस्टर्ड फिनइंफ्लुएंसर्स को शेयर बाज़ार में प्राइस डेटा दिखाने या परफॉर्मेंस क्लेम करने से रोकते हैं। अगर उन्हें शेयर का डेटा दिखाना ही है तो वो तीन महीने पहले का डेटा दिखा सकते हैं।
सोशल मीडिया पर थी बड़ी फॉलोइंग
अस्मिता पटेल के यूट्यूब पर 5.26 लाख सब्सक्राइबर, इंस्टाग्राम पर 2.9 लाख फॉलोअर्स, फेसबुक पर 73 हजार, लिंक्डइन पर 1,900 और एक्स पर 4,200 फॉलोअर्स हैं।
(शेयर मंथन, 09 फरवरी 2025)
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