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महँगाई के मोर्च पर लोगों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने खुदरा महँगाई के जो आँकड़े जारी किये हैं, उससे बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। जनवरी महीने में महँगाई दर 4.31% पर आ गयी और यह पिछले पाँच महीने का निचला स्तर है।
ध्यान देने वाली बात है कि खाने-पीने का सामान सस्ता होने से खुदरा महँगाई दर में कमी आयी है। इसके पहले, दिसंबर महीने में खुदरा महँगाई दर 5.22% थी। वहीं एक साल पहले की समान अवधि में यह 5.1% रही थी।सीपीआई आधारित खुदरा महँगाई दर में गिरावट आने के लिए खाद्य मुद्रास्फीति घटने की मुख्य भूमिका रही है।
सरकार द्वारा जारी आँकड़ों के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी में 6.02% रही, जो पिछले महीने दिसंबर में 8.39% थी। दिसंबर 2024 में सब्जियों के दाम 26.6% सालाना बढे़ थे, जबकि जनवरी 2025 में यह कम होकर सालना आधार पर 11.35% पर आ गये। एक साल पहले जनवरी में खाद्य मुद्रास्फीति 8.3% रही थी।
वहीं, अनाज के दामों में भी गिरावट देखी गयी है। जनवरी के महीने में अनाज की कीमतों में 6.24% वृद्धि रही, जबकि दिसंबर में 6.50% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। दालों की कीमतें पिछले महीने की 3.80% की वृद्धि की तुलना में 2.59% बढ़ीं।
खुदरा महँगाई को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानों से भी बेहतर आँकड़े रहे हैं और यह केंद्रीय बैंक के तय दायरे के लगभग करीब आ चुकी है। विशेषज्ञों का कहना था कि जनवरी में मुद्रास्फीति के 4.5% तक रह सकती है। वहीं एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर ने इस तिमाही के लिए महँगाई दर 4.4% रहने का अनुमान लगाया है।
हाल ही में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में भी कटौती का ऐलान किया है। यह कटौती पाँच साल में पहली बार हुई है। आरबीआई ने रेपो रेट 6.50% से कम करके 6.25% करने का ऐलान किया है। इससे लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, अब महँगाई के मोर्चे पर भी लोगों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही महँगाई दर के आरबीआई के तय दायरे के करीब रहने से रेपो रेट में एक और कटौती की उम्मीद बढ़ गयी है।
(शेयर मंथन, 14 फरवरी 2025)
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