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प्रधानमंत्री मोदी की बहुप्रतीक्षित अमेरिकी यात्रा पूरी हो चुकी है। इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात भी हुई, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संपन्न अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान 13 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात की। दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली मुलाकात थी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात को शानदार बताया। ट्रंप ने भी उनकी तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी-ट्रंप के बीच किन-किन अहम मुद्दों पर बात हुई? ट्रंप की तरफ से 'व्यापार युद्ध (टैरिफ वॉर)' की शुरुआत के बाद हुई इस मुलाकात में क्या खास रहा? आइए इसे समझते हैं।
व्यापार युद्ध के तनाव में हुई मुलाकात
दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई, जब कुछ ही घंटे पहले ट्रंप ने 'जैसे को तैसा शुल्क' (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने की बात दोहरायी थी। ट्रंप का कहना है कि कोई भी देश अमेरिका से आने वाले सामानों पर जितना शुल्क लगाता है, अमेरिका भी उसके सामानों पर उतना ही शुल्क लगायेगा। इस मुद्दे पर ट्रंप काफी आक्रामक रहे हैं। ऐसे में ट्रंप-मोदी की मुलाकात पर सभी की नजरें थीं। ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत ज्यादा शुल्क वसूलता है। अगर ट्रंप भारत के ऊपर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाते हैं, तो इससे दोनों देशों का व्यापार काफी प्रभावित हो सकता है। इससे भारत के वाहन (ऑटो) और कपड़ा (टेक्सटाइल) समेत कई अन्य उद्योगों पर असर पड़ सकता है।
मस्क से भी हुई प्रधानमंत्री की मुलाकात
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एवं टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क के साथ भी हुई, जो ट्रंप की सरकार में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इस मुलाकात पर ट्रंप का कहना था कि मस्क भारत में व्यापार करना चाहते हैं, लेकिन अधिक शुल्क के कारण भारत में व्यापार करना कठिन है।
रक्षा से लेकर व्यापार तक बनी सहमति
मोदी और ट्रंप की बैठक के बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान बैठक में हुई बातों की जानकारियाँ सामने आयीं। बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दोनों देश वर्ष 2030 तक आपसी व्यापार को 500 अरब डॉलर पर ले जाने के लिए सहमत हुए हैं। 2024 में दोनों देशों के बीच लगभग 129 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था।
ट्रंप ने बताया कि अमेरिका से भारत ऊर्जा (तेल-गैस) की खरीद बढ़ाने वाला है। साथ ही, परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिकी प्रौद्योगिकी का भारत में अधिक उपयोग करने पर भी सहमति बनी है। बैठक में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी। ट्रंप ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने के लिए तैयार है। हालाँकि इसे भारत पर एफ-35 की खरीद के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
ट्रंप ने भारत पर छोड़ा बांग्लादेश का मुद्दा
इस बैठक में एक महत्वपूर्ण बात मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किये जाने के संबंध में सामने आयी। ट्रंप ने इस प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि हमारी सरकार ने दुनिया के सबसे बुरे व्यक्तियों में से एक के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। पूरी दुनिया में इस्लामी चरमपंथ के खतरे से निपटने के लिए भारत और अमेरिका इस तरह मिल कर काम करेंगे, जैसा पहले कभी नहीं हुआ।’’ वहीं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश को लेकर सवाल पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि मैं इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर छोड़ रहा हूँ।
आ रही है अमेरिका से निकाले गये भारतीयों की दूसरी खेप
मोदी और ट्रंप की इस बैठक पर व्यापार युद्ध के अलावा अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का मुद्दा भी छाया रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि अवैध तरीके से किसी भी व्यक्ति को दूसरे देश में रहने का अधिकार नहीं है। इस बीच अमेरिका ने अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों का दूसरा जत्था भारत के लिए रवाना कर दिया है। कुछ दिनों पहले ही 104 भारतीयों को अमेरिका ने बाहर किया था। अब 487 अवैध प्रवासी भारतीयों का दूसरा जत्था 15 फरवरी को भारत पहुँचने वाला है। (शेयर मंथन, 14 फरवरी 2025)