
एक तरफ दुनिया टैरिफ संकट से जूझ रही है और वैश्विक बाजार अमेरिका में मंदी की आशंका से डरे हुए हैं। वहीं, ट्रंप सारा ठीकरा जेरोम पॉवेल के सिर मढ़ रहे हैं, कह रहे हैं कि पॉवेल ने दरें नहीं घटाई तो अमेरिका में मंदी आ जायेगी। इधर, अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत का ग्रोथ अनुमान घटा दिया। सभी ट्रंप टैरिफ से वैश्विक वृद्धि में सुस्ती आने की आशंका की दुहाई दे रहे हैं।
आईएमएफ ने घटाया ग्रोथ अनुमान
आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत का जीडीपी विकास दर अनुमान घटा दिया है। उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 में देश 6.5% नहीं बल्की 6.2% की दर से बढ़ेगा। पहले आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि 6.5% रहने की उम्मीद जताई थी।
मूडीज भी घटा चुका है ग्रोथ अनुमान
इससे पहले मूडीज भी भारत का वृद्धि दर अनुमान घटा चुका है। इसी महीने जारी अपनी रिपोर्ट में मूडीज ने ग्रोथ अनुमान 6.6% से घटाकर 5.5%-6.5% के बीच कर दिया है। हालाँकि ये अनुमान कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए घटाया है। मूडीज ने ट्रंप टैरिफ के चलते ये अनुमान घटाया गया था।
क्या बोला था मूडीज?
अपनी रिपोर्ट में मूडीज ने कहा था कि हीरे, कपड़े और मेडिकल उपकरणों पर ट्रंप टैरिफ लगने से भारत का निर्यात घट सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे भारत का अमेरिका के साथ व्यापार घाटा भी बढ़ेगा। हालाँकि अभी अमेरिका ने 90 दिनों की राहत दी है लेकिन राहत सिर्फ फौरी तौर पर है। एक बार टैरिफ पूरी तरह से लागू हुआ तो निर्यात घटेगा जिसका सीधा असर कारोबार पर व्यापार के भरोसे पर पड़ेगा। उसमें गिरावट आएगी।
क्या बोला आरबीआई?
9 अप्रैल को हुई अपनी एमपीसी में आरबीआई ने भी भारत की ग्रोथ में कुछ गिरावट की आशंका जताई थी। उसने भी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया था।
आरबीआई का जीडीपी ग्रोथ अनुमान
तिमाही (वित्त वर्ष 2025-26) नया अनुमान पुराना अनुमान
पहली 6.5% 6.7%
दूसरी 6.7% 7.0%
तीसरी 6.6% 6.5%
चौथी 6.3% 6.5%
भारत की मौजूदा जीडीपी
तिमाही (वित्त वर्ष 24) जीडीपी
पहली 7.8%
दूसरी 6.5%
तीसरी 5.6%
चौथी 6.2%
बीते 5 साल का जीडीपी का हाल
साल जीडीपी
2020 5.8%
2021 9.7%
2022 7.0%
2023 8.2%
2024 6.5%
क्या होती है जीडीपी?
देश की अर्थव्यवस्था कैसी है, वो कितनी रफ्तार से बढ़ रही है, ये जब जानना हो तो कैसे करेंगे? यहाँ पर आती है जीडीपी। ये आपके देश की अर्थव्यव्स्था की सेहत बताती है। ये देश में एक तय समय में बनाये गये सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य दिखाती है। इसमें घरेलू और विदेश कंपनियाँ जो देश में ही विनिर्माण कर रही हैं उसे भी शामिल किया जाता है।
कैसे निकाली जाती है जीडीपी?
जीडीपी की गणना करने के लिए एक सूद्ध का इस्तेमाल किया जाता है। जीडीपी = सी+जी+आई+एनएक्स। यहाँ पर सी का मतलब है निजी उपभोग, जी का मतलब सरकारी खर्च, आई का मतलब निवेश और एनएक्स का मतलब शुद्ध निर्यात है।
(शेयर मंथन, 24 अप्रैल 2025)
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