राजीव रंजन झा
सत्यम कंप्यूटर का घटनाक्रम बड़ी तेजी से बदल रहा है। हाल में सरकार, सेबी और दूसरी जाँच एजेंसियों ने जो कदम उठाये हैं, वे काफी हद तक भरोसा बढ़ाने वाले हैं। लेकिन शायद अब भी निवेशकों को इस शेयर के बारे में काफी सावधानी बरतने की जरूरत है।
सरकार ने सत्यम के पुराने बोर्ड को भंग कर नया बोर्ड बनाने का जो फैसला किया, वह वाकई जरूरी था, क्योंकि पिछले बोर्ड के रहते सत्यम का पूरा सत्य सामने आने के बारे में संदेह रहता। सत्यम के पुराने प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कितना विश्वास किया जा सकता है, यह बात एक बड़ा सवाल है। लेकिन अब अगर सरकार की ओर अपने-अपने क्षेत्र के 3 बड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सत्यम के बोर्ड का सदस्य बना कर कंपनी की बागडोर सौंप दी गयी है, तो इससे यह भरोसा बँधता है कि कंपनी का सत्य सामने आने में कोई रुकावट नहीं रहेगी।