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कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज तेज गिरावट के साथ बंद हुए।
कच्चे तेल और भारतीय रुपये में गिरावट से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। रुपया 13 महीने के निचले स्तर पर पहुँच गया है।
सेंसेक्स (Sensex) 27,000 और निफ्टी (Nifty) 8,100 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुए।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 538 अंक यानी 1.97% की गिरावट के साथ 26,781 पर रहा। निफ्टी 152 अंक यानी 1.85% गिर कर 8,068 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 2.54% की गिरावट रही। बीएसई के स्मॉलकैप (Smallcap) में 3.36% और बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 2.96% की गिरावट रही। क्षेत्रों के लिहाज से रियल्टी और एफएमसीजी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। निफ्टी 8,200 के स्तर से नीचे खुला। शुरुआती कारोबार में ही बाजार तेजी से लुढ़कता चला गया। इस दौरान सेंसेक्स 27,000 और निफ्टी 8,100 के स्तर से नीचे फिसल गये। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। इस दौरान निफ्टी 8,100 के स्तर से ऊपर-नीचे होता रहा। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार पर दबाव बढ़ा। निफ्टी 8,100 के स्तर से नीचे फिसला। कारोबार के आखिरी मिनटों में सेंसेक्स 26,736 और निफ्टी 8,053 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार, सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में अपने निचले स्तरों के आसपास ही बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से रियल्टी को सबसे ज्यादा 3.80% का घाटा हुआ। एफएमसीजी में 3.08%, बैंकिंग में 2.91%, हेल्थकेयर में 2.75%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 2.42%, पावर में 2.41%, कैपिटल गुड्स में 1.66%, ऑटो में 1.61%, तेल-गैस में 1.44% की गिरावट रही। दूसरी ओर, आईटी में 1.66% और टीईसीके में 1.12% की मजबूती रही। (शेयर मंथन, 16 सितंबर 2014)
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