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कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक आज तीखी गिरावट के साथ बंद हुए।
कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट और वैश्विक तनाव बढ़ने से बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गयी। कच्चे तेल की कीमतें पहली बार 50 डॉलर के स्तर से नीचे लुढ़की हैं। ग्रीस में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने से भी घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। ग्रीस संकट की संभावना बढ़ने से यूरो लगभग नौ साल के निचले स्तर पर है।
सेंसेक्स और निफ्टी की यह गिरावट 24 अक्टूबर 2008 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही। 18 दिसंबर 2014 के बाद पहली बार सेंसेक्स 27,000 के स्तर से नीचे फिसला है।
सेंसेक्स (Sensex) 27,000 और निफ्टी (Nifty) 8,200 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुए।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 855 अंक यानी 3.07% की तेज गिरावट के साथ 26,987 पर रहा। निफ्टी 251 अंक यानी 3.00% लुढ़क कर 8,127 पर बंद हुआ। सीएनएक्स मिडकैप (CNX Midcap) में 3.03% की गिरावट रही। बीएसई के स्मॉलकैप (Smallcap) में 2.95% और बीएसई मिडकैप (BSE Midcap) में 2.95% की गिरावट रही। क्षेत्रों के लिहाज से तेल-गैस और रियल्टी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
कमजोर एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। निफ्टी 8,300 के स्तर से नीचे खुला। कारोबार के शुरुआती मिनटों में ही बाजार की गिरावट बढ़ती चली गयी। कमजोर यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ा। इस दौरान निफ्टी 8,200 के स्तर से ऊपर-नीचे होता रहा। दोपहर के कारोबार में बाजार टूटता चला गया। आखिरकार, निफ्टी 8,200 के स्तर से नीचे लुढ़क गया। कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार में हाहाकार मच गया। सेंसेक्स 27,000 के स्तर से नीचे फिसला। इस दौरान सेंसेक्स 26,937 और निफ्टी 8,111 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार, सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में अपने निचले स्तरों के आसपास ही बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से तेल-गैस को सबसे ज्यादा 4.17% का घाटा हुआ। रियल्टी में 3.66%, धातु में 3.49%, कैपिटल गुड्स में 3.24%, पावर में 3.13%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 3.09%, बैंकिंग में 3.03%, हेल्थकेयर में 2.67%, ऑटो में 2.65%, आईटी में 2.53%, टीईसीके में 2.39% और एफएमसीजी में 1.44% की गिरावट रही। (शेयर मंथन, 06 जनवरी 2015)
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