निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को 2018 की अप्रैल-जून तिमाही में 119.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
गौरतलब है कि 2001 के बाद पहली बार बैंक को किसी तिमाही में घाटा हुआ है, जो इसके सूचीबद्ध होने के बाद भी पहला घाटा है। बता दें कि जानकारों ने बैंक के लिए 1,404.70 करोड़ रुपये के जोरदार मुनाफे का अनुमान लगाया था। इससे पहले ठीक पिछली तिमाही में बैंक को 1,020 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कंसोलिडेटेड आधार पर देखें तो बैंक मुनाफे में तो रहा। मगर इसका मुनाफा पिछले कारोबारी साल की अप्रैल-जून तिमाही में 2,604.73 करोड़ रुपये से घट कर 4.93 करोड़ रुपये का रह गया। इस दौरान इसकी कुल आमदनी (कंसोलिडेटेड) 26,517.57 करोड़ रुपये की तुलना में 10.01% की गिरावट के साथ 29,174.12 करोड़ रुपये रह गयी।
अन्य गैर-कंसोलिडेटेड आँकड़ों में साल दर साल आधार पर आईसीआईसीआई बैंक का कारोबारी मुनाफा (Operating Profit) 17% की बढ़त के साथ 5,042 करोड़ रुपये, शुद्ध ब्याज आमदनी 9.2% अधिक 6,102 करोड़ रुपये, कुल एडवांस 11% बढ़ कर 5.16 लाख करोड़ रुपये और कुल जमा 12% की वृद्धि के साथ 5.46 करोड़ रुपये की रही। हालाँकि 128.9% की बढ़ोतरी के साथ 5,961 करोड़ रुपये के रहे प्रोविजन ने बैंक के नतीजों पर काफी नकारात्मक असर डाला।
इसके अलावा पहली तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक ने 2,036 करोड़ रुपये की वसूली भी की। बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात 4.86% के मुकाबले 4.19% रह गया, जो ठीक पिछली तिमाही में 4.77% रहा था। बैंक का प्रोविजन कवरेज अनुपात तिमाही आधार पर 560 आधार अंक सुधर कर 66.1% रहा। वार्षिक आधार पर चालू और बचत खाता जमा में 16% की बढ़त दर्ज की गयी, जबकि बैंक का सीएएसए अनुपात 50.5% और कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात 18.35% पर रहा।
उधर शुक्रवार को बीएसई में आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 7.50 रुपये या 2.62% की मजबूती के साथ 293.30 रुपये के भाव पर बंद हुआ। वहीं इसके 52 हफ्तों का शिखर 365.65 रुपये और निचला स्तर 256.00 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 28 जुलाई 2018)
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