
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष भारतीयों की हत्या के बाद भारत में गुस्सा है। वहीं, भारत सरकार भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी में है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं।
कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि भारत सिंधु जल समझौता को रोकेगा। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने का भी फैसला किया है। वहीं, पाकिस्तानी दूतावास को भी बंद करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा, भारत ने अटारी वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट को भी बंद करने का फैसला किया है। इससे पाकिस्तान को भारी नुकसान होगा।
भारत के इस कदम से पाकिस्तान को 3000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ेगा। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए इस रास्ते को बंद करने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स की मानें तो अटारी बॉर्डर एकमात्र जमीनी रास्ता है जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार होता है। भारत इस रास्ते से पाकिस्तान को सोयाबीन, मुर्गे का दाना, सब्जियाँ, प्लास्टिक के दाने और लाल मिर्च जैसी चीजें भेजता है।
अटारी अमृतसर से 28 किलोमीटर दूर है और यह लैंड पोर्ट 120 एकड़ में फैला हुआ है और राष्ट्रीय राजमार्ग -1 से कनेक्टेड है। आँकड़ों के मुताबिक, साल 2023-24 में इस पोर्ट से 6,871 मालवाहक गाड़ियाँ गुजरी थीं और 71,563 लोगों ने इस रास्ते से यात्रा की थी. इस दौरान कुल 3,886.53 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था।
पाकिस्तान को होगा ज्यादा नुकसान
ऐतिहासिक रूप से, यह भूमि बंदरगाह भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में स्थापित रहा है। भारत इस मार्ग से मुख्य रूप से सोयाबीन, मुर्गे का दाना, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक के दाने और प्लास्टिक के धागे जैसी वस्तुओं का निर्यात करता रहा है। वहीं, पाकिस्तान और अन्य देशों से सूखे मेवे, सूखे खजूर, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियाँ भारत में आयात की जाती थीं। वर्तमान में इस बंदरगाह के बंद होने से इन वस्तुओं के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, विशेष रूप से उन व्यापारियों के लिए जिनकी आजीविका सीमा पार व्यापार पर आधारित है।
भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने भी जवाब में वाघा बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है और इस रास्ते से होने वाले तमाम कारोबार पर रोक लगा दी है। फिलहाल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के आसार नहीं हैं और इसका ज्यादा व्यापक नुकसान पाकिस्तान को ही होने की संभावना है।
(शेयर मंथन, 25 अप्रैल 2025)
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