कई महीनों से नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) ने बुधवार से अस्थाई तौर पर अपनी सभी उड़ाने रोक दी हैं।
जेट एयरवेज के कर्जदाता बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की फौरी कर्ज सहायता देने से इनकार किये जाने के बाद कंपनी ने यह घोषणा की है। एक समय देश की सबसे बड़ी निजी विमानन कंपनी रही जेट एयरवेज के बंद होने से 20,000 से अधिक लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।
05 मई 1993 को शुरू हुई जेट एयरवेज अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ान भरने वाली पहली निजी कंपनी थी। जेट एयरवेज के परिचालन बंद करने से यात्रियों और एयरलाइन को कई तरह की सेवाओं की आपूर्तिकर्ताओं के करोड़ों रुपये फंस गये है।
जानकारों के अनुसार पिछली कई महीनों में स्पाइसजेट और इंडिगो से मिली कड़ी टक्कर, कमजोर होते रुपये, 8,500 करोड़ रुपये के भारी भरकम कर्ज और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने जेट एयरवेज की कमर तोड़ दी।
विमानों के किराये का भुगतान न किये जाने के कारण जेट एयरवेज को 2019 में दो-तिहाई से अधिक विमान जमीन पर उतारने पड़े।
इस बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जेट एयरवेज को संचालन रोकने की घोषणा के कुछ देर बाद जारी ट्वीट के जरिये कहा है कि यह समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियमों के दायरे में रहते हुए समर्थन करेगा। वहीं विमानन कंपनी ने भी कहा है कि वह ऋणदाताओं की ओर से बोलियों को अंतिम रूप दिये जाने की प्रक्रिया का इंतजार करेगी।
बैंकों के समूह ने मंगलवार को चार बोली लगाने वालों की पहचान की। इनके पास अंतिम वित्तीय बोली दाखिल करने के लिए 10 मई तक का समय है।
इस बीच बाजार में जेट एयरवेज के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली हो रही है। करीब साढ़े 10 बजे कंपनी का शेयर 27.27% की जोरदार गिरावट के साथ 175.90 रुपये पर है। (शेयर मंथन, 18 अप्रैल 2019)
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