इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (Indiabulls Housing Finance) के शेयर में 31.5% की भारी भरकम गिरावट देखने को मिल रही है।
जानकारों का मानना है कि कंपनी के लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) के विलय से निवेशक चिंतित हैं, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की त्वरित सुधारात्मक कार्य योजना के तहत रखा गया है। दोनों इकाइयों के विलय की घोषणा इसी साल अप्रैल में की गयी थी, मगर बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई इस विलय योजना के लिए झटका हो सकती है।
वहीं दूसरी तरफ इंडियाबुल्स हाउसिंग के खिलाफ चल रहे एक फंड हेराफेरी मामले में बीते शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और आरबीआई को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। दरअसल कंपनी पर बैंकों से कर्ज और निवेशकों की पूँजी में हेराफेरी के आरोप की एसआईटी जाँच की माँग की गयी है। कंपनी के खिलाफ एक एनजीओ ने याचिका दायर की है, जिसमें अन्य कंपनियों को संदिग्ध कर्ज के रूप में देकर यही पैसा दाँव पर लगाने का आरोप है।
बीएसई में इंडियाबुल्स हाउसिंग का शेयर 389.45 रुपये के पिछले बंद भाव की तुलना में 363.00 रुपये पर खुल कर 240.10 रुपये के 52 हफ्तों के निचले स्तर तक टूटा है। करीब 12 बजे कंपनी के शेयरों में 122.60 रुपये या 31.48% की गिरावट के साथ 266.85 रुपये के भाव पर कारोबार हो रहा है। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 11,373.47 करोड़ रुपये है। वहीं इसके पिछले 52 हफ्तों का शिखर 1,003.80 रुपये और निचला स्तर 240.10 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 30 सितंबर 2019)
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