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सरकार ने 4जी (4G) सर्विस के लिए जियो और भारती एयरटेल को 3,683 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। सरकार ने यह रकम इन दोनों कंपनियों को वैसे गांवों में 4G सेवाएं विकसित करने के लिए आवंटित की है जो अभी भी इन सेवाओं से वंचित हैं। 4G सर्विस से जुड़ा यह काम एस्पाइरेशनल जिलों में किया जाएगा।
आपको बता दूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में एस्पाइरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स प्रोग्राम की शुरुआत की थी जिसका लक्ष्य देश के 112 सबसे कम विकसित जिलों में प्रभावी तरीके से और कम समय में बदलाव लाना था। सुधार किए जाने वाले मानकों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत सुविधाएं शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत भारती एयरटेल 1083 मोबाइल टावर लगाएगी। मोबाइल टावर लगाने पर कंपनी करीब 848 करोड़ रुपए की रकम खर्च करेगी। कंपनी यह टावर झारखंड और महाराष्ट्र में लगाएगी। वहीं रिलायंस जियो 3,696 टावर लगाने के लिए 2,836 करोड़ रुपए की रकम खर्च करेगी। कंपनी को यह प्रोजेक्ट इसी महीने आवंटित की गई है। इस प्रोजेक्ट को कैबिनेट से पिछले साल ही मंजूरी मिल चुकी है। इस प्रोजेक्ट के तहत 5 राज्यों के एस्पाइरेशनल डिस्ट्रिक्ट में वैसे गांवों में 4G सर्विस विकसित करनी है जो अब तक इससे दूर रहे हैं।
पीटीआई के मुताबिक भारती एयरटेल और रिलायंस जियों को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है।
इस प्रोजेक्ट के तहत 4G आधारित मोबाइल सेवाएं 44 एस्पाइरेशनल डिस्ट्रिक्ट के 7,287 गांवों में विकसित करनी है। यह सेवाएं 5 राज्यों में विकसित की जानी है जिसमें आंध्र प्रदेश, छतीसगढ़, झारखंड,महाराष्ट्र और ओडिशा शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट पर कुल करीब 6,466 करोड़ रुपए का खर्च आएगा जिसमें 5 साल का ऑपरेशनल खर्च भी शामिल है।
इस प्रोजेक्ट की फंडिंग यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड यानी यूएसओएफ (USOF) के जरिए की जाएगी। इस प्रोजेक्ट के नवंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। (शेयर मंथन 30 मई 2022)
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