हल्दी वायदा (मई) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 7,300 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
घरेलू और निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण बुनियादी कीमतें तेजी के पक्ष में है। इस वर्ष की माँग-आपूर्ति से पता चलता है कि हल्दी का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक लगभग 22 लाख बैग था और कुल घरेलू उत्पादन के साथ पूरे वर्ष में हल्दी की कुल उपलब्धता लगभग 82 लाख बैग होगी। लेकिन इस वर्ष घरेलू और निर्यात बाजार में लगभग 75 लाख बैग हल्दी की खपत होने का अनुमान है। इस प्रकार 2019 में हल्दी का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक लगभग 7 लाख बैग ही रह सकता है। लंबी अवधि में कीमतों में तेजी का रुझान बन सकता है।
जीरा वायदा (मई) कीमतों के 15,400-16,000 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कारोबारियों को सावधनी से कारोबार करना चाहिए और हाजिर बाजारों के रुख पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि राजस्थान के प्रमुख बाजारों में आवक जोर-शोर से शुरू हो गयी है। आगामी दिनों में आवक की रफ्तार बढ़ सकती है। लेकिन विश्व बाजार में जीरे की कमी और जून तक भारत के एकमात्रा निर्यातकर्ता होने के कारण कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। बेहतर आवक और कम माँग के कारण धनिया वायदा (मई) की कीमतों में 4,650 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती हैं। स्टॉकिस्टों के पास पहले से ही कम कीमतों पर काफी अधिक स्टॉक है और अब वेयर हाउसों के भरे होने के कारण वे अधिक स्टॉक जमा करने में असमर्थ हैं। (शेयर मंथन 02 मई 2018)
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