अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी के रुझान के कारण घरेलू बाजार में, सोयाबीन वायदा (मार्च) की कीमतों 3,980 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,820 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती है।
ब्राजील में 2019-20 में 124.01 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है जो जनवरी के अनुमान की तुलना में 1.9% अधिक है और वर्ष-दर-वर्ष 8% अधिक है। प्रमुख आयातक चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण माँग में कमी होने के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 3,950 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। कारोबारियों के अनुसार, 2019-20 (जुलाई-जून) में भारत का सरसों का उत्पादन पिछले साल के 7.8 मिलियन टन से 2.6% बढ़कर 8.0 मिलियन टन हो सकता है। अनुकूल मौसम की स्थिति के बीच अधिक उत्पादकता के कारण अधिक उत्पादन का अनुमान है। वर्तमान में, जल्दी बोई जाने वाली फसल में फली लगने की अवस्था में है और स्वस्थ है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में उपज बढ़ने के कारण कुल उत्पादन अधिक होने की संभावना है।
विश्व बाजार में चीन की ओर माँग कम होने के कारण सीपीओ वायदा (फरवरी) की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है और कीमतों में 720 रुपये तक गिरावट हो सकती है। भारत और चीन की ओर से कमजोर माँग और फरवरी में अधिक उत्पादन की संभावना से बीएमडी में पाम ऑयल की कीमतों में लगातार चौथे दिन गिरावट हुई है और बेंचमार्क अप्रैल वायदा की कीमतें 0.3% की गिरावट के साथ 2,687 रिंगिट प्रति टन के स्तर पर पहुँच गयी हैं।
सोया तेल की कीमतों में 860-865 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। (शेयर मंथन, 13 फरवरी 2020)
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