हल्दी वायदा (मार्च) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 5,850-6,030 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अधिक उत्पादन अनुमान और नमी की अधिक मात्रा के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। हाजिर बाजारों में मैसूर-8 हल्दी की छिटपुट आवक हो रही है और पुरानी हल्दी की क्वालिटी अच्छी नहीं है। इरोद मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की कीमतें 6,099-6,799 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,001-6,179 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हैं। फसल खराब होने की आशंका की खबरों के कारण जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में 13,300 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 13,900 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
पाकिस्तान से आई टिड्डियों के कारण राजस्थान के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कुल बुआई के लगभग 35-40% जीरे की फसल चैपट हो गई है। प्रमुख उत्पादक जिला जैसलमेर में 70 हजार हेक्टेयर में जीरे की बुआई है जिसमें से 26 हजार हेक्टेयर की फसल नष्ट हो गयी है। हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान के साथ इलायची वायदा (मार्च) की कीमतों में 3,320 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। सीजन के अंत के बाद वर्तमान फसल से घटिया गुणवत्ता की इलायची की उपलब्धता ने भी बाजार में नरमी के सेंटीमेंट को बढ़ाया है। कई खरीदार, विशेष रूप से घरेलू खरीदार, विशेष रूप से अधिक कीमतों के कारण, प्राथमिक बाजारों से खरीदारी करने के लिए इच्छुक नही हैं। कारोबारियों के अनुसार विभिन्न व्यापार केंद्रों में बिक्री की कमी के कारण बाजार में कम माँग देखी जा रही है। (शेयर मंथन, 13 फरवरी 2020)
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