हाजिर बाजारों में तेजी के रुझानों पर कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों के 16,550-16,600 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की उम्मीद है।
कपड़ा मिलों की माँग में कमी के कारण भारत ने बांग्लादेश को कपास बेचने की योजना बनायी है। भारतीय कपास निगम अक्टूबर में नयी फसल के आने से पहले भारत के रिकॉर्ड सरप्लस को कम करने के लिए पड़ोसी राष्ट्र को 1.5 मिलियन से 2 मिलियन बेल का निर्यात कर सकता है। सीसीआई 30 सितंबर को समाप्त होने वाले बाजार वर्ष में बांग्लादेश के ट्रेडिंग कार्पोरेशन को 500,000 से 700,000 बेल में बेचने की योजना बना रहा है। बाकी की मात्रा 2020-21 में भेज दी जायेगी। आज आईसीई कॉटन वायदा की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी हुई है क्योंकि निवेशकों ने चीन की ओर से अमेरिकी कृषि वस्तुओं की लगातार माँग का अनुमान लगाया है। जब तक चीन दैनिक आधर पर अमेरिकी अनाज खरीद रहा है, तब तक यह सुझाव है कि व्यापार समझौता लागू है और चीन को बेची जाने वाली अमेरिकी कपास की बड़ी मात्रा को भेज दिया जाना है।
चना वायदा (सितम्बर) की कीमतों को 4,320 रुपये के पास सहारा मिलने की संभावना है, जबकि कीमतों में 4,400-4,450 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी हो सकती है। हाजिर बाजार में माँग बेहतर है और आने वाले हफ्तों में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि चरण बद्ध तरीके से अर्थव्यवस्था अनलॉक हो रही है। इसके अलावा, वर्ष के इस समय के आस-पास मौसमी रूप से समग्र माँग सामान्य रूप से अधिक होती है क्योंकि त्यौहारी सीजन नजदीक आने लगता है।
ग्वारसीड और ग्वारगम वायदा (सितम्बर) की कीमतों में क्रमशः 4,200 और 6,600 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी हो सकती है। जोधपुर और अन्य प्रमुख मंडियों में ग्वारगम और ग्वारसीड की कीमतों में उछाल दर्ज की गयी क्योंकि इस सीजन में कम फसल होने का अनुमान है। व्यापारियों ने अनुमान लगाया कि हाल की बारिश के बावजूद ग्वारगम की बुआई लगभग 30 प्रतिशत कम होगी। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2020)
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