सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के 4,350-4,430 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
बाजार का सेंटीमेंट इस बात को लेकर बेहतर हो गया है कि भारत से निर्यात होने वाला सोयाबीन एक बार फिर सस्ता हो गया है, जिससे पिछले साल की तुलना में निर्यात की संभावनाओं में सुधार हुआ है। एसओपीए के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, तेल वर्ष 2020-21 में सोयामील का निर्यात लगभग 14 लाख टन होने की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 6.46 लाख टन निर्यात हुआ था। अक्टूबर-नवंबर में निर्यात लगभग दोगुना 3.25 लाख टन (1.46 लाख टन के मुकाबले) से अधिक हो गया है। इसका मुख्य निर्यात स्थल बेल्जियम, फ्रांस और ईरान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, 2020-21 में 10 दिसम्बर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी सोयाबीन की कुल निर्यात बिक्री 9,22,300 टन हुई है जो इसके पिछले हफ्ते की तुलना में 62% और पिछले चार हफ्ते के औसत से 20% अधिक है।
आरएम सीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 5,330-5,450 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने अपने पहले के उस आदेश को वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें देश में सरसों के तेल में मिलावट पर रोक लगा दिया गया था। खाद्य तेल कंपनियों को 1 अक्टूबर से मिलावट वाले सरसों तेल की बिक्री और निर्माण को रोकने लगाने के आदेश से खाद्य तेल उद्योग की चिंताओं को बढ़ा दिया था।
सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतों में 1,110-1,120 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। भारत ने नवंबर 2020 में 11,02,899 टन वनस्पति तेलों का आयात किया है जो नवंबर 2019 में 11,27,220 टन के मुकाबले 2.15 प्रतिशत कम है। सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 923-933 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। डालियान कमोडिटी एक्सचेंज और सीबीओटी पर प्रतिद्वंद्वी तेलों में तेजी के रुझान पर मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल बढ़त दर्ज की गयी लेकिन रिंगिट के मजबूत होने से बढ़त सीमित रही। डालियान एक्सचेंज में सोया तेल की कीमतों में 2.1% की बढ़ोतरी हुई, जबकि पॉम तेल की कीमतों में 1% की वृद्धि हुई। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेंड पर सोया तेल की कीमतें 1.77% बढ़ी। (शेयर मंथन, 18 दिसंबर 2020)
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