अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान पर कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान और 20,400 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 20,800 रुपये तक बढ़त किये जाने की उम्मीद है।
मजबूत साप्ताहिक निर्यात बिक्री की रिपोर्ट और कमजोर अमेरिकी डॉलर की मदद से आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतें भी मजबूती दर्ज कर रही है। इसके साथ बाजार के व्यापक सेंटीमेंट के बेहतर होने से भी कीमतों को मदद मिल रही है। अमेरिकी कृषि विभाग की साप्ताहिक निर्यात बिक्री रिपोर्ट के अनुसार 2020-2021 में पिछले सप्ताह 416,700 रनिंग बेल की शुद्ध बिक्री हुई है, जो पिछले चार सप्ताह के औसत से 14% अधिक है। चीन ने व्यापार समझौते के तहत प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए खरीद को बढ़ावा दिया है, जबकि इसकी अर्थव्यवस्था में उछाल दर्ज की गयी है। व्यापारियों को अब और भी अधिक माँग की उम्मीद है क्योंकि कोरोना वायरस के टीके वितरित किये जाते हैं और उपभोक्ता माँग में बढ़ोतरी हो सकती है। दूसरी ओर यूएसडीए ने सूखे और तूफान सहित प्रतिकूल मौसम के बाद घरेलू फसल के लिए अपने पूर्वानुमान में कई बार कटौती की है जिससे आपूर्ति के कम होने की संभावनायें बढ़ी हैं।
चना वायदा की कीमतों में नरमी का रुझान फिर से शुरू हो गया है और ऐसा लगता है कि जल्द ही यह 4,300 रुपये तक पहुँच जायेगा। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नॉफेड) मूल्य स्थिरीकरण योजना के तहत अपने 1.50 मिलियन टन के रबी-2020 के चना स्टॉक को बाजार में बेचने में व्यस्त है। दूसरी बात यह है कि अरहर दाल की फसल कटाई से भी कीमतों पर भी असर पड़ने की उम्मीद है।
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतें 3,850-3,950 रुपये के काफी कम दायरे में कारोबार कर सकती हैं, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतें 5,850-6,050 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। कम आवक और ग्वारगम की बेहतर माँग की संभावनायें मिलों को निचले स्तर की खरीद के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इससे पहले, इस महीने के अंत तक अपने किसान क्रेडिट कार्ड का बकाया भुगतान करने के लिए किसान अधिक ग्वारसीड ला रहे थे। अब दिसम्बर माह समाप्त होने वाला है इसलिए किसान अपनी नकदी फसल बेचना कम कर देंगे। (शेयर मंथन, 28 दिसंबर 2020)
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