कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों में कल तेज गिरावट के साथ तीन सप्ताह के निचले स्तर पर पहुँच गयी और 26,420 रुपये पर बंद हुई।
कीमतों में अब 25,850 रुपये के सहारा स्तर पर तक गिरावट हो सकती है जबकि कीमतों को तत्काल बाधा 26,570 रुपये पर है। बढ़ी हुई कीमतों पर कताई मिलों की ओर से माँग में कमी के कारण पिछले वर्ष की तुलना में बुवाई का रकबा (116.17 लाख हेक्टेयर) लगभग 7 लाख हेक्टेयर कम है, लेकिन पिछले 5 वर्षों (114.2 लाख हेक्टेयर) के औसत से अधिक है।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में 4,630 रुपये के सहारा के साथ 4,800 रुपये के स्तर तक तेजी का रूझान रहने की उम्मीद है। फीड सेक्टर माँग बढ़ने और किसानों के पास स्टॉक कम होने से बढ़ोतरी की उम्मीद है। पशुओं के चारे के लिए इसके डेरिवेटिव चुरी और कोरमा के लिए ग्वारसीड की माँग बढ़ रही है क्योंकि अन्य चारा विकल्प की कीमतें अधिक हैं। राजस्थान में 2 अगस्त को ग्वारसीड का रकबा 16 लाख हेक्टेयर था, इसलिए लगभग 60% क्षेत्र में बुवाई पूरी हो गयी है। बिकवाली दबाव के कारण चने वायदा (सितंबर) की कीमतें कल गिरावट के साथ बंद हुई। कीमतों रुकावट 5,080 रुपये पर है और 5,000 रुपये स्तर पर सहारा है। बाजार बारिश के मौसम में माँग में सुधार की उम्मीद कर रहा है जब सब्जियों की कीमतें अधिक होती है।
अरंडी (सितंबर) की वायदा की कीमतों में 5,780 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। कीमतों को सहारा 5,650 रुपये के स्तर पर है जबकि बाधा 5,800 रुपये पर है। उद्योगों से अरंडी के तेल के तेल की लगातार माँग के कारण आने वाले दिनों में कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। (शेयर मंथन, 11 अगस्त 2021)
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