एसएमसी कमोडिटीज की साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक सर्राफा की कीमतों में उठापटक जारी रहने की संभावना है।
डॉलर में बढ़ोतरी के कारण उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली दर्ज की जा सकती है, जबकि इस हफ्ते फेड की होने वाली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना का असर पहले ही समाप्त हो गया है। फिर कारोबारियों की नजर फेड की बैठक पर है, जिसमें ब्याज दरों में कम से कम 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना है। फेड कमिटी दो पहलुओं पर विचार कर रही है। पहला यह कि बेरोजगारी के ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर पहुँचने के बावजूद मुद्रास्पफीति में गिरावट जारी है। लगभग 8 वर्ष पहले फेड ने मुद्रास्पफीति का लक्ष्य 2% निर्धारित किया था, जो अधिकतर समय में पहुँच से बाहर रहा है।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने मौद्रिक नीति को आसान बनाने संकेत किया है लेकिन ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ईसीबी अध्यक्ष मारियो द्रागी ने निवेशकों के अनुमान की तुलना में अर्थव्यवस्था के बेहतर रहने की संभावना जतायी है। एमसीएक्स में सोने की कीमतों में 35,500 रुपये के नजदीक प्रतिरोध के साथ 34,200 रुपये तक गिरावट हो सकती है, जबकि चाँदी की कीमतों में 42,000 के स्तर पर बाधा के साथ 40,500 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
अमेरिका में जुलाई के प्रारंभ में उत्पादन और खरीद में कमी के कारण मैनुफैक्चरिंग गतिविधियाँ 10 वर्षो के निचले स्तर पर पहुँच गयी हैं। मैनुफैक्चरिंग और हाउंसिग में धीमेपन की भरपायी अधिक उपभोक्ता खर्चों से हो रही है। विश्व में सोने की दूसरे सबसे अधिक खपत वाले देश भारत में डीलर अगस्त 2018 से ही सबसे अधिक, सरकारी घरेलू कीमतों पर लगभग 33 डॉलर डिस्काउंट देने के लिए बाध्य हुए है। (शेयर मंथन, 29 जुलाई 2019)
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने मौद्रिक नीति को आसान बनाने संकेत किया है लेकिन ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ईसीबी अध्यक्ष मारियो द्रागी ने निवेशकों के अनुमान की तुलना में अर्थव्यवस्था के बेहतर रहने की संभावना जतायी है। एमसीएक्स में सोने की कीमतों में 35,500 रुपये के नजदीक प्रतिरोध के साथ 34,200 रुपये तक गिरावट हो सकती है, जबकि चाँदी की कीमतों में 42,000 के स्तर पर बाधा के साथ 40,500 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
अमेरिका में जुलाई के प्रारंभ में उत्पादन और खरीद में कमी के कारण मैनुफैक्चरिंग गतिविधियाँ 10 वर्षो के निचले स्तर पर पहुँच गयी हैं। मैनुफैक्चरिंग और हाउंसिग में धीमेपन की भरपायी अधिक उपभोक्ता खर्चों से हो रही है। विश्व में सोने की दूसरे सबसे अधिक खपत वाले देश भारत में डीलर अगस्त 2018 से ही सबसे अधिक, सरकारी घरेलू कीमतों पर लगभग 33 डॉलर डिस्काउंट देने के लिए बाध्य हुए है। (शेयर मंथन, 29 जुलाई 2019)
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