डॉलर में तेज उछाल और अमेरिकी व्यापार गतिविधियों में बढ़ोतरी के कारण सर्राफा की कीमतों की तेजी बाधित हुई है, जिससे कीमतें एक सप्ताह के निचले स्तर पर पहुँच गयी है और यह लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट हुई है।
स्टीमुलस पैकेज समझौते में देरी और अमेरिकी डॉलर और वास्तविक दरों में उछाल के कारण कीमतों में पूरे सप्ताह उठापटक होती रही। लेकिन दूसरी ओर कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने तेज आर्थिक सुधर की उम्मीदों को धूमिल किया है और केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरों को कम करने और अपने मौद्रिक रुख को लचीला करने के लिए प्रेरित किया है, जिससे इस साल अब तक सोने की कीमतों को 28% बढ़ने में मदद मिली है। हमारा विश्वास हैं कि आगामी महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बरकरार रहने से सुरक्षित निवेश के लिए एसेट की माँग को मदद मिलने से लंबी अवधि तक सोने की कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है। इस बीच, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की रोजगार बढ़ाने के लिए और और अधिक मुद्रास्फीति के लिए आक्रामक नयी रणनीति से अमेरिकी बांड की यील्ड अधिक हो गयी, जिससे सोने की बढ़त सीमित हो गयी।
अमेरिकी फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी मौद्रिक नीति को लेकर एक दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की जिसमें अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी हुई। अधिक बांड यील्ड सोने की अवसर लागत को बढ़ाती है जिससे कोई ब्याज आय नहीं होती है। मुद्रास्फीति पर अधिक सुकून देने वाले रुख की ओर संकेत करते हुये जेरोम पॉवेल ने कहा कि फेड औसतन 2% मुद्रास्फीति का लक्ष्य पाने की कोशिश करेगा, जो एक ऐसा कदम है जिसका अर्थ है कि कीमतों में वृद्धि की अनुमति देना। इस हफ्ते सोने की कीमतें 48,700-54,900 रुपये के दायरे में और चांदी की कीमतों 58,200-72,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि कोमेक्स में सोने की कीमतें 1,860-2,000 डॉलर के दायरे में और चांदी की कीमतों 22.00-29.80 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 31 अगस्त 2020)
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