बुलियन काउंटर में तीन सप्ताह की वृद्धि के बाद कीमतों में गिरावट हुई है।
डॉलर इंडेक्स और ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि, भारत में आयात शुल्क में कटौती के साथ इक्विटी बाजारों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के कारण इस काउंटर पर दबाव रहा। भारत सरकार ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क को 12.5% से कम करके 7.5% कर दिया है लेकिन, आयात पर 2.5% उपकर लगाया है। सरकार ने सोने के अयस्क और चांदी के अयस्क तथा गैर-परिष्कृत सोने या चांदी पर भी आयात शुल्क कम कर दिया। एक्सचेंज नियामक सीएमई द्वारा चांदी वायदा पर लगाये गये उच्च मार्जिन सीमा के बाद मंगलवार की चांदी की कीमतों में तेज गिरावट हुई जिसका अर्थ है कि चांदी का टेंड करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अधिक नकद की आवश्यकता होगी। चांदी के सिक्कों पर प्रीमियम गुरुवार को 5 डॉलर से बढ़कर लगभग 7 डॉलर हो गया। आम तौर पर जब फिजिकल धातु की कीमतें गिरती हैं, तो प्रीमियम में भी कमी आती है। इस बार ऐसा नहीं हुआ है और यह निचले स्तरों से माँग में बढ़ोतरी हो रही है। तीन महीनों में अपने सबसे अच्छे साप्ताहिक लाभ के लिए डॉलर का नेतृत्व किया, इस विश्वास को बढ़ाकर कि अमेरिकी आर्थिक रिकवरी के विश्व के अन्य समकक्ष देशों से बेहतर होने के विश्वास के कारण अमेरिकी डॉलर तीन महीनों में अपने सबसे अच्छे साप्ताहिक बढ़त की ओर अग्रसर है। 10 साल के ट्रेजरी यील्ड के एक साल के उच्च स्तर 1.158% पर पहुँचने के बाद डॉलर के मजबूत होने से भी कीमतों पर दबाव पड़ा। मजबूत डॉलर और अधिक यील्ड से आमतौर पर सोने की कीमतों पर दबाव पड़ता है।
अमेरिकी सीनेट में डेमोक्रेट सदस्यों ने को गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन के 1.9 ट्रिलियन डॉलर कोरोना वायरस सहायता प्रस्ताव की ओर कदम बढ़ा दिया है। अमेरिकी सोने के सिक्कों की बिक्री 2020 में 258% बढ़ी, जबकि चांदी के सिक्के की माँग 28% बढ़ी है। सोने और चांदी की कीमतें क्रमशः 45,800-49,200 रुपये और 65,000-70,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 08 फरवरी 2021)
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