सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 46,900 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 46,300 रुपये पर सहारा रह सकता है जबकि चांदी की कीमतों में 65,500 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 64,300 रुपये पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी रोजगार के मजबूत आँकड़ों के बाद फेडरल रिजर्व उम्मीद द्वारा अधिक तेजी से दरों में बढ़ोतरी की आशंका से आज सोने की कीमतें 4.4% की गिरावट के साथ चार महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गयी है। सोने की हाजिर की कीमतें 2.3% गिरकर 1,722.06 डॉलर प्रति औसतन के नजदीक कारोबार कर रही है जबकि अमेरिकी सोना वायदा 2.1% टूटकर 1,726.40 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। डॉलर इंडेक्स भी मजबूत हुआ है जिससे अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोना अधिक महँगा हो गया। सोने की कीमतें 2019 के बाद पहली बार अपने तेजी के बाजार में परिभाषित ट्रेंडलाइन से नीचे टूट गयी, जिससे सोने की कीमतों में गिरावट हुई है। अमेरिकी नियोक्ताओं ने जुलाई में लगभग एक साल में सबसे अधिक श्रमिकों को काम पर रखा और मजदूरी में वृद्धि जारी रखी, जिससे अर्थव्यवस्था को एक शक्तिशाली बढ़ावा मिला, जबकि कई अर्थशास्त्रिायों का मानना है कि यह दूसरी छमाही लगभग चार दशकों में विकास के लिए सबसे अच्छा वर्ष होगा।
दुनिया में सोने के सबसे बड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग शुक्रवार को 1,027.61 टन से गिरकर1,025.28 टन हो गयी, जो गुरुवार को 1,027.61 टन थी। एक सरकारी सूत्र के अनुसार जुलाई में भारत का सोने का आयात एक साल पहले की तुलना में दोगुना से अधिक हो गया, क्योंकि राज्यों द्वारा लॉकडाउन प्रतिबंध हटाने के बाद माँग में बढ़ोतरी हुई। रूस ने 2021 के पहले चार महीनों में 79.05 टन सोने का उत्पादन किया, जो 2020 में इसी अवधि में उत्पादित 81.27 टन से कम है। चांदी की कीमतें 7.5% की गिरावट के साथ आठ महीने के निचले स्तर 22.50 डॉलर प्रति औसतन पर पहुँच गयी। (शेयर मंथन, 09 अगस्त 2021)
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