सर्राफा में खरीदारी होने की संभावना है। सोने की कीमतों को 47,700 रुपये पर सहारा और 48,300 रुपये पर रुकावट रह सकता है।
चांदी की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है और कीमतों को 64,500 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 61,600 रुपये पर सहारा रह सकता है। आज सोने की कीमत सपाट रही है और नवंबर के बाद सबसे अधिक साप्ताहिक गिरावट की ओर अग्रसर है, क्योंकि बाजारों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति को सख्त करने, जिसके कारण डॉलर सूचकांक कई महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गया। कि योजना का असर समाप्त हो गया। इस सप्ताह सोने की कीमतों लगभग 25 को गिरावट हुई जो 26 नवंबर के बाद से सबसे अधिक गिरावट है। फंड ने बुधवार को कहा कि वह तेजी से ब्याज दरों में अधिक बढ़ोतरी कर सकता है, जिससे अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर सूचकांक जुलाई 2020 के बाद उच्च स्तर पर पहुँच गया। वाणिज्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि 2021 में लगभग चार दशकों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने हुए चौथी तिमाही में अमेरिकी आर्थिक विकास में तेजी दर्ज की गयी।
फेड फंड फ्यूचर्स मार्केट के व्यापारियों ने बुधवार को पॉवेल की टिप्पणी के मद्देनजर इस साल लगभग पाँच बार दरों में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। फ्यूचर्स के अनुसार करीब 30 बेसिस प्वाइंट की मजबूती का अनुमान है। 2022-2023 में सोने की कीमतें कम हो सकती है क्योंकि केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ाते हैं तो बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हो सकती हैं। स्विस सीमा शुल्क के अनुसार स्विटजरलैंड से सोने का निर्यात पिछले साल 2018 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, क्योंकि चीन और भारत सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार में सोने की माँग कोविड- 19 महामारी के शुरुआती गिरावट के बाद से रिकवरी हुई। (शेयर मंथन, 28 जनवरी 2022)
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