कच्चे तेल की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
क्रिसमस के अवकाश से पहले आज तेल की कीमतों में गिरावट हुई है, जबकि विश्व स्तर पर अधिक आपूर्ति और विश्व स्तर पर माँग में कमी की आशंका के कारण पिछले हफ्ते तेल की कीमतों में भारी गिरावट हुई थी। डब्ल्यूटीआई और ब्रेंट दोनों ही कच्चे तेल की कीमतें अक्टूबर में दर्ज चार वर्षो के उच्च स्तर से लगभग 35% लुढ़क गयी है। एमसीएक्स में कच्चे तेल की कीमतों को 3,100 रुपये के दायरे में सहारा और 3,300 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है।
सऊदी अरब, रूस और अमेरिका में अधिक तेल उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। आपूर्ति की अधिकता से चिंतित ओपेक देश जनवरी से 1.2 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती करने पर सहमत हुए हैं।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी बरकरार रह सकती है और कीमतें 250-262 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। मौसम संबंधी अनुमानों से कीमतों को दिशा मिल सकती है। जाड़े के दिनों में गैस की माँग में बढ़ोतरी होती है। (शेयर मंथन, 24 दिसंबर 2018)