कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है। कीमतों के 5,840-6,000 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
तेल की खपत करने वाले देशों द्वारा कच्चे तेल की कीमतों को कम करने के लिए रणनीतिक भंडार से समन्वित रूप से तेल जारी करने के फैसले को लेकर प्रमुख उत्पादक देशों की प्रतिक्रिया का निवेशकों द्वारा इंतजार किये जाने के कारण आज तेल की कीमतों में नरमी दर्ज की जा रही है। यहाँ तक कि आँकड़ों के अनुसार अमेरिकी ईंधन की माँग बेहतर बनी हुई है। विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के आँकड़ों से पता चला है कि गैसोलीन और डिस्टिलेट भंडार अनुमान से अधिक कम हो गये है। लेकिन कच्चे तेल का भंडार बढ़ा है। सभी की निगाहें अब पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन, रूस और सहयोगियों पर हैं, जो तेल की माँग और आपूर्ति पर चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह बैठक करने वाले हैं। ओपेक समूह हर महीने आपूर्ति के 4,00,000 बैरल प्रति दिन बढ़ा रहा है। रॉयटर्स सूत्रों के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, भारत और अन्य द्वारा आपातकालीन तेल स्टॉक जारी करने के निर्णय के बावजूद, ओपेक प्लस अपने तेल उत्पादन में वृद्धि को रोकने पर चर्चा नहीं कर रहा है। कारोबारी यह भी देख रहे हैं कि क्या चीन अपने भंडार से तेल छोड़ने की योजना पर अमल करेगा या नहीं।
नेचुरल गैस की कीमतों में दोनों तरफ कारोबार की संभावना है और कीमतों को 380 रुपये के स्तर पर सहारा और 392 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 25 नवंबर 2021)