कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 5,280-5,420 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
आपूर्ति में बढ़ोतरी और अगले वर्ष में माँग की तुलना में आपूर्ति अधिक होने की संभावना से आज तेल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के बीच यूरोप और एशिया में नए प्रतिबंध लगाये जाने के बाद तेल की माँग के बारे में निवेशकों की चिंताओं के कारण भी कीमतों की बढ़त पर रोक लग रही है। हाल ही में ब्रिटेन और नॉर्वे सहित दुनिया भर की सरकारें ओमिक्रॉन संस्करण के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंधे को कड़ा कर रही थी। चीन में, प्रमुख विनिर्माण प्रांत झेजियांग इस साल अपने पहले कोविड-19 क्लस्टर से लड़ रहा है, जिसमें हजारों नागरिक क्वांरिन्टाइन और वायरस प्रभावित क्षेत्रों में व्यापार संचालन को निलंबित कर रहे हैं, उड़ानों में कटौती कर रहे हैं और कार्यक्रमों को रद्द कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि ओमीक्रॉन संस्करण के कारण तेल की वैश्विक माँग में उस समय कमी हो सकती है जब कच्चे तेल का उत्पादन, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में, बढ़ना तय है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ने 2022 की पहली तिमाही के लिए अपनी विश्व तेल माँग का पूर्वानुमान बढ़ाया और तेल के उपयोग के महामारी से पहले के स्तर पर पहुँचने की अपनी समयरेखा पर टिके हुये है क्योंकि यह उम्मीद है कि ओमाइक्रोन कोरोना वायरस का हल्का और संक्षिप्त प्रभाव होगा। अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान के अनुसार 10 दिसंबर को समाप्त में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 815,000 बैरल की गिरावट हुई है। रॉयटर द्वारा सर्वेक्षण किए गये 10 विश्लेषकों ने 2.1 मिलियन बैरल की गिरावट का अनुमान लगाया था।
नेचुरल गैस में मुनाफा वसूली होने की संभावना है और कीमतों को 275 रुपये के स्तर पर सहारा और 292 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 15 दिसंबर 2021)