कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है। कीमतों के 5,350-,5460 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
तेल की कीमतों में आज वृद्धि हुई है क्योंकि दुनिया के शीर्ष तेल उपभोक्ता अमेरिका में पेट्रोलियम माँग में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गयी, यहाँ तक कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन संस्करण से विश्व स्तर पर तेल की खपत में कमी होने का खतरा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने से पहले मुद्रास्फीति से निपटने के संकेत ने भी कीमतों को बढ़ावा दिया। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के आँकड़ों से पता चलता है कि 10 दिसंबर को समाप्त में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 4.6 मिलियन बैरल की गिरावट हुई है जबकि रॉयटर द्वारा सर्वेक्षण किये गये 10 विश्लेषकों ने 2.1 मिलियन बैरल की गिरावट का अनुमान लगाया था। हाल ही में ब्रिटेन और नॉर्वे सहित दुनिया भर की सरकारें ओमिक्रॉन संस्करण के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंधे को कड़ा कर रही थीं। चीन में, प्रमुख विनिर्माण प्रांत झेजियांग इस साल अपने पहले कोविड-19 क्लस्टर से लड़ रहा है, जिसमें हजारों नागरिक क्वांरिन्टाइन और वायरस प्रभावित क्षेत्रों में व्यापार संचालन को निलंबित कर रहे हैं, उड़ानों में कटौती कर रहे हैं और कार्यक्रमों को रद्द कर रहे हैं। दुनिया भर में कई कंपनियां अब कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह रही हैं, जिससे तेल की माँग भी सीमित हो सकती है।
नेचुरल गैस में खरीदारी होने की संभावना है और कीमतों को 290 रुपये के स्तर पर सहारा और 300 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 16 दिसंबर 2021)