आईडीएफसी म्यूचुअल फंड (IDFC Mutual Fund) ने निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स फंड नाम से अपनी नयी योजना बाजार में उतारी है। इसका न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) 15 से 23 सितंबर 2022 की अवधि के लिए खुला है।
निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स फंड (Nifty100 Low Volatility 30 Index Fund) में 30 ऐसे लार्जकैप शेयर होंगे, जिनमें कम-से-कम उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) देखने को मिलता हो। यह फंड शेयरों को चुनने और पोर्टफोलिओ में उनकी हिस्सेदारी तय करने में पूरी तरह से निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स के अनुसार चलेगा। इसमें शेयरों की हिस्सेदारी या भारिता (वेटेज) तय करते समय निफ्टी 100 शेयरों के कारोबार (टर्नओवर) पर विचार किया जाता है। इसमें सबसे कम उतार-चढ़ाव वाले शेयर की हिस्सेदारी (वेटेज) सबसे अधिक होगी, जबकि थोड़े ज्यादा उथल-पुथल वाले शेयर की हिस्सेदारी सबसे कम होगी।
इस सूचकांक (इंडेक्स) में 30 अगस्त तक के अनुसार सबसे ज्यादा हिस्सेदारी वाले शेयरों पर नजर डालें तो नेस्ले इंडिया 4.7%, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज 4% और पिडिलाइट इंडस्ट्रीज 4% हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे हैं। सबसे बड़े तीन क्षेत्रों को देखें तो एफएमसीजी की 25.4%, आईटी की 14.6% और वित्तीय सेवाओं की 13.4% हिस्सेदारी है।
अपने इस नये फंड के बारे में आईडीएफसी म्यूचुअल फंड के सीईओ विशाल कपूर का कहना है कि 'कम उतार-चढ़ाव वाली यह रणनीति निवेशकों को इक्विटी से मिलने वाले बेहतर प्रतिफल (रिटर्न) की संभावनाओं का लाभ उठाने का अवसर देती है, और साथ ही उतार-चढ़ाव कम रखने के उद्देश्य के साथ निवेशकों को उनके निवेश लक्ष्य की ओर सही तरीके से बढ़ने में मदद करती है।' कपूर के मुताबिक निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स ने बीते वर्षों में निवेशकों को शानदार जोखिम-लाभ (रिस्क-रेवार्ड) के अवसर दिये हैं। मतलब यह कि इसने निवेशकों को प्रमुख शेयर सूचकांकों के मुकाबले कम जोखिम पर कहीं ऊँचा प्रतिफल (रिटर्न) दिलाया है।
यदि प्रतिफल देखें तो इस साल 30 अगस्त को 10 साल के रोलिंग रिटर्न के मुताबिक निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 सूचकांक का वार्षिक प्रतिफल 15.4% रहा है, जबकि निफ्टी 100 सूचकांक का प्रतिफल 14.6% और निफ्टी 50 सूचकांक का प्रतिफल 14% रहा। वहीं इस फंड घराने के अनुसार उतार-चढ़ाव के लिहाज से भी निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स लंबी अवधि में बाजार की उथल-पुथल से निपटने में ज्यादा सक्षम है। इस सूचकांक का प्रतिफल-जोखिम अनुपात यानी जोखिम की प्रति इकाई के मुकाबले हासिल किया गया प्रतिफल (रिटर्न) 1.05 रहा है। वहीं यह निफ्टी 100 सूचकांक में 0.85 और निफ्टी 50 सूचकांक में 0.83 रहा है। इससे स्पष्ट है कि निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स में जोखिम की प्रति इकाई पर हासिल प्रतिफल अधिक है। (शेयर मंथन, 16 सितंबर 2022)
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