किसी इंडेक्स फंड या इंडेक्स ईटीएफ में नियमित निवेश करना क्या म्यूचुअल फंड के माध्यम से लंबी अवधि में संपदा निर्माण का बेहतर तरीका है? इंडेक्स फंड के फायदों और इसकी खासियतों पर प्रस्तुत है निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के ईटीएफ हेड विशाल जैन के साथ निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा की यह बातचीत।
आजकल बड़ी चर्चा है कि बाजार में चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच इंडेक्स फंड बहुत काम के हैं। इसके पीछे क्या तर्क है?
इंडेक्स फंड के दो बड़े फायदे हैं। पहला बड़ा फायदा यह है कि इसकी लागत कम है। अगर आप किसी भी सक्रिय इक्विटी फंड में निवेश करेंगे तो उसकी डायरेक्ट स्कीम में हर साल लगभग 1.25% व्यय अनुपात (एक्सपेंस रेश्यो) का भुगतान करते हैं फंड हाउस को। लेकिन ज्यादातर लोकप्रिय इंडेक्स फंड, जैसे निफ्टी इंडेक्स फंड को लें, तो उसका व्यय अनुपात केवल 0.1% होता है। अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, मान लें 10 साल के लिए आप निवेश कर रहे हैं, तो अगर आप किसी भी सक्रिय योजना में पैसा डालेंगे तो हर साल 1.25% को 10 साल से गुणा कर दीजिए, मतलब आपका करीब 12.5% प्रतिफल (रिटर्न) सिर्फ शुल्क में निकल गया है। वहीं इंडेक्स फंड में पैसा डालेंगे तो 10 साल में आप फंड हाउस को सिर्फ करीब 1% भुगतान कर रहे हैं आपके पैसे का प्रबंधन करने के लिए। मतलब यह करीब 11.5% ज्यादा प्रतिफल आपको दे रहा है बाजार में।
दूसरी बात यह है कि अभी बाजार में इतनी अनिश्चितता है। कोई यह नहीं जानता है कि अभी कितना समय हमें लगेगा कोविड संकट से निकलने में। हम यह भी नहीं जानते हैं कि किन कंपनियों और किन क्षेत्रों को ज्यादा दिक्कत होगी। आपको सूचकांक (इंडेक्स) करीब 2-3 साल पुराने मूल्यांकन पर मिल रहे हैं, सूचकांक लगभग 25-30% गिर गये हैं। तो ऐसे माहौल में अगर आपको इक्विटी में निवेश करना है और आपको शेयरों को चुनने के पीछे नहीं जाना है, फंड मैनेजर चुनने के पीछे नहीं जाना है क्योंकि आप यह जानते नहीं हैं कि कौन सा शेयर चलेगा, कौन सी योजना अच्छा करेगी तो सबसे अच्छा है कि सूचकांक की विविधीकृत (डाइवर्सिफाइड) टोकरी खरीद लें। जैसे अगर निफ्टी इंडेक्स फंड या निफ्टी ईटीएफ है तो सबसे बड़ी बात यह है कि आप भारत की सबसे अच्छी 50 कपनियों में निवेश कर रहे हैं।
जब हम बाजार की चाल भी देखते हैं तो इंडेक्स को देखते है, सेंसेक्स-निफ्टी को देखते हैं। लेकिन जब हम निवेश करने जाते हैं म्यूचुअल फंड में तो फिर बहुत सारे निवेशक इंडेक्स फंड पर उतना ध्यान नहीं देते हैं। इसके पीछे क्या मनोविज्ञान दिखता है निवेशकों का?
इंडेक्स फंड क्योंकि कम लागत वाले हैं तो सलाहकारों को फंड हाउस जो कमीशन वगैरह देते हैं, वह कम होती है। इसीलिए बहुत सारे सलाहकार इंडेक्स फंड में निवेश करने का सुझाव देना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन निवेशक को यह सोचना है कि मैं निवेश क्यों कर रहा हूँ। मैं इक्विटी में निवेश इसलिए कर रहा हूँ कि मुझे भारत की वृद्धि की कहानी में निवेश करना है, क्योंकि मुझे भरोसा है भारतीय अर्थव्यवस्था में। इसका सरल तरीका यह है कि आप इंडेक्स फंड के रास्ते भारत की सबसे अच्छी कंपनियों में निवेश करें।
अमेरिका जैसे विकसित बाजारों में इंडेक्स फंड खूब चलते हैं, लेकिन हमारे यहाँ लोग उतना ध्यान नहीं देते हैं। क्या इसके पीछे बस यही है कि सलाहकार इसको आगे नहीं बढ़ाते, या निवेशक खुद भी इसे बहुत तवज्जो नहीं दे रहे हैं?
अमेरिकी बाजार में म्यूचुअल फंडों का करीब 20 लाख करोड़ डॉलर का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) है और उसमें से करीब पाँच लाख करोड़ डॉलर ईटीएफ और इंडेक्स फंडों में है। इस तरह वैश्विक स्तर पर देखें तो करीब 25% एयूएम ईटीएफ में है। यह सिर्फ पिछले 15 साल में ही हुआ है। अंतर यही है कि वह बाजार थोड़ा ज्यादा विकसित है।
(यह पूरी बातचीत आप निवेश मंथन के यूट्यूब चैनल पर इस लिंक पर देख सकते हैं - https://www.youtube.com/watch?v=VRhjcoQ-UJI)
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(शेयर मंथन, 3 जून 2020)
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