संजीव भसीन
ईवीपी, आईआईएफएल सिक्योरिटीज
इस समय मँझोले शेयरों में कुछ रंगत लौट रही है। उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Ujjivan Small Finance Bank) के आईपीओ में भी 165 गुना आवेदन मिला था और 50% से ज्यादा की उछाल इसे लिस्टिंग पर मिल गयी।
फिलहाल करीब 65 रुपये तक की ही इसकी ऊपरी सीमा रहेगी। लेकिन अगर बाजार में मँझोले शेयरों को लेकर रुझान बना रहा, और ऐसा लगता है कि साल 2020 मँझोले शेयरों के लिए अच्छा रहेगा, तो फिर यह शेयर भी अच्छा करेगा। लेकिन साल 2020 में मँझोले शेयर ज्यादा चलेंगे। असली तेजी का बाजार तो 2020 में ही शुरू होगा। उज्जीवन अच्छी तरह प्रबंधित बैंक है। माइक्रोफाइनेंस में उज्जीवन और इक्विटास के प्रबंधन बहुत मजबूत हैं। इसलिए उज्जीवन लंबी दौड़ का घोड़ा है। लेकिन छोटी अवधि में बाजार किसी भी एक संकेत पर किसी शेयर को चला देता है या किसी शेयर को पीट देता है।
इस समय उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (उज्जीवन एसएफबी) के शेयर का शिखर (टॉप) 65 रुपये तक कहीं बनेगा। आज जो करीब 63 रुपये का भाव दिखा है, अभी उससे बहुत ज्यादा नहीं दिखेगा। आज बैंक शेयरों में चाल बनी हुई थी, इसलिए इसे (लिस्टिंग के लिए) अच्छा दिन भी मिल गया और बाजार ने इस शेयर का खूब उत्साह से स्वागत भी किया। लोग इस बैंक को खरीदने के लिए तत्पर थे, क्योंकि इसका मूल्यांकन उचित था। यह एक अनुसूचित बैंक, और लोगों को आशा है कि यह बैंक अच्छा कर सकता है।
मेरा मानना है कि उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के शेयर को अभी 50-52 रुपये के ऊपर नहीं खरीदना चाहिए। खरीदारी के लिए उन स्तरों तक आने का इंतजार कीजिए। इसका पीछा करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह पहले ही काफी प्रीमियम पर है। लेकिन इसके अलावा भी बाजार में कई अच्छे मँझोले बैंक शेयर मिल रहे हैं, लोगों को उन पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि फेडरल बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पीएनबी। उज्जीवन एसएफबी को खरीदने की कोई जल्दी नहीं है, यह थोड़ा नीचे आ जायेगा। इसी तरह का एक उदाहरण देखें तो कैथोलिक सीरियन बैंक भी 330 रुपये पर सूचीबद्ध (लिस्ट) हुआ था और दो हफ्ते में ही 222 रुपये पर आ गया।
उज्जीवन एसएफबी की मूल कंपनी उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज (Ujjivan Financial Services) की जहाँ तक बात है, इसके मूल्यांकन में होल्डिंग कंपनी वाली कटौती (डिस्काउंट) होगी। मगर उन्हें उज्जीवन एसएफबी को अनिवार्य रूप से सूचीबद्ध (लिस्ट) करना था। अब उन्होंने उल्टे विलय (रिवर्स मर्जर) की बात कही है। लेकिन वह आरबीआई पर निर्भर होगा। आरबीआई का जो दिशानिर्देश था, वह उन्होंने पूरा कर दिया है और छोटी अवधि में जो लाभ मिलना था वह मिल चुका है।
एक समूह के रूप में उज्जीवन काफी अच्छा है, और मैं वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इन्क्लूजन) और माइक्रोफाइनेंस को काफी तवज्जो देता हूँ। हमारे देश में बैंकिंग सुविधाओं से वंचित इलाके बहुत हैं। बड़े बैंक उन जगहों तक नहीं पहुँच सकते, जहाँ इनकी पहुँच है। इनके सामने व्यापार फैलाने की कोई समस्या नहीं है और जब धारणा बेहतर होगी तो ये लोग अच्छा करेंगे। जो निवेशक 3-4 साल का नजरिया रखते हैं, तो उज्जीवन एसएफबी में वृद्धि की अच्छी संभावनाएँ हैं। अगले 5 साल में यह तिगुना हो सकता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : एक ब्रोकिंग हाउस के रूप में हमारे ग्राहकों के पास ये शेयर हो सकते हैं, मगर व्यक्तिगत रूप से से इन शेयरों में मेरा अपना निवेश नहीं है।
(शेयर मंथन, 12 दिसंबर 2019)
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