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लेकिन इस समय डॉलर-रुपये का चार्ट एक दिलचस्प मुकाम पर दिख रहा है। कल एक डॉलर की कीमत चढ़ कर 68.80 रुपये तक चली गयी। डॉलर के भाव का दिन का ऊपरी स्तर और बंद स्तर बराबर ही रहा। ऐसे में यह सोचना बड़ा मुश्किल लगता है कि अगले दिन ही रुपये की चाल पलट जाये। लेकिन अगर ऐसा हो जाये तो मुझे आश्चर्य भी नहीं होगा।
दरअसल बीते तीन सत्रों में डॉलर की कीमत ने जिस तरह छलाँग लगायी है, उससे यह अपने 10 और 20 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) स्तरों से काफी ऊपर छिटक गया है। इसके बंद भाव 68.80 की तुलना में 10 एसएमए 64.05 पर है, यानी 4.75 रुपये का अंतर आ गया है। कल रुपये में कमजोरी के लिहाज से ही एक ऐतिहासिक दिन नहीं रहा, बल्कि इसके मूल्य और 10 एसएमए के बीच अंतर के लिहाज से भी एक नया रिकॉर्ड बन गया! इसका 20 एसएमए तो और भी दूर 62.51 पर है, यानी 20 एसएमए की तुलना में मौजूदा भाव 10% से भी ज्यादा ऊपर है। डॉलर-रुपये के चार्ट पर यह बेहद असामान्य स्थिति है।
आम तौर पर जब किसी चार्ट पर भाव अपने मूविंग एवरेज स्तरों से ज्यादा दूर छिटक जाते हैं तो यह असंतुलन दो तरीकों से दूर होता है। या तो भाव ठहर जाते हैं, जिससे मूविंग एवरेज धीरे-धीरे भाव के करीब आ जायें। या फिर भाव तेजी से मूविंग एवरेज के करीब आने की कोशिश कर सकते हैं।
संभव है कि बाजार ऐसा करने में अभी थोड़ा वक्त और ले ले। संभव है कि इस दौरान रुपया कमजोरी के कुछ और नये रिकॉर्ड भी बना दे। लेकिन अब जल्दी ही डॉलर रुपये के चार्ट पर भाव को 10 एसएमए से अपनी दूरी घटाने के लिए इन दो में से कोई एक काम तो करना होगा।
यहाँ डॉलर रुपये के चार्ट की कुछ और दिलचस्प बातों का जिक्र कर दूँ। अगर मान लें कि कल के ऊपरी स्तर 68.80 पर डॉलर ने रुपये की तुलना में एक शिखर बना लिया है, तो एक मई की तलहटी 53.63 से 68.80 तक की उछाल की 50% वापसी 61.21 पर होती है। संयोग से इसने 8 जुलाई को 61.21 पर ही एक छोटा शिखर बनाया था। अगस्त के शुरुआती हफ्तों में एक दायरे में वक्त बिताने के बाद अगस्त के मध्य से डॉलर के भाव ने 61.21 के आसपास के ही स्तरों से ही नयी तेजी पकड़ी।
यह भी दिखता है कि 53.63-68.80 की 38.2% वापसी के स्तर 63.00 और 23.6% वापसी के स्तर 65.22 के बीच अगस्त के तीसरे हफ्ते में ऊपर-नीचे होने के बाद इसने 63 के कुछ ऊपर ही सहारा लेकर पिछले तीन सत्रों की उछाल दर्ज की है।
इन सब बातों को देख कर लगता है कि भले ही अभी 68.80 पर शिखर बनने का कोई स्पष्ट संकेत न मिला हो, लेकिन इस संभावना को ध्यान में रखा जा सकता है। बेशक, अगर आज रुपये ने फिर से सुबह-सुबह ही कमजोरी दिखा दी तो यह संभावना टूट जायेगी। लेकिन डॉलर के भाव और 10 एसएमए के बीच की दूरी हद से ज्यादा हो जाने की बात तब और ज्यादा प्रभावी हो जायेगी। आखिरकार उस कारण से डॉलर की कीमत या तो नीचे आयेगी, या फिर एक दायरे में ठहरने की कोशिश तो जरूर ही करेगी। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 29 अगस्त 2013)
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