राजीव रंजन झा : भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर पिछले हफ्ते गुरुवार को आयी तेज उछाल के दौरान बने उत्साह की स्थिति में लौट आया है।
हालाँकि पिछले गुरुवार को आयी उछाल तो उसी दिन पलट गयी थी, लेकिन कल मंगलवार को बाजार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) सामने आने के बाद अपना उत्साह लगातार बरकरार रखा। अब एक बार फिर शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) जनवरी 2008 के ऐतिहासिक स्तरों के बेहद करीब दिख रहे हैं। जहाँ निफ्टी जनवरी 2008 के रिकॉर्ड स्तर 6357 से बस 136 अंक या 2.19% दूर है, वहीं सेंसेक्स तो 21,207 के रिकॉर्ड स्तर से 278 अंक या महज 1.33% पीछे है।
पिछले हफ्ते की स्थिति इसलिए भी याद आ रही है कि कल की बड़ी उछाल में निफ्टी ने पिछले हफ्ते की तरह ही 6230 से पहले कुछ बाधा महसूस की। गौरतलब है कि इससे पहले मई 2013 में निफ्टी ने 6229 का शिखर बनाया था। पिछले हफ्ते तीन सत्रों तक 6220 के पास ही अटकने के बाद गुरुवार को जरूर यह 6229 से आगे 6252 तक चढ़ पाया, लेकिन ऊपर टिका नहीं। इसीलिए शुक्रवार 25 अक्टूबर की सुबह मैंने लिखा था, “कल की उठापटक का मतलब केवल यही है कि जो बाधा-क्षेत्र 6220-6230 का था, वह अब कुछ फैल कर 6220-6250 का हो गया है।” अब निफ्टी एक बार फिर उसी बाधा क्षेत्र से पहले आ खड़ा हुआ है।
पिछले शुक्रवार को मैंने यह भी लिखा था, “मैं इस संभावना को टटोलने का खतरा लेना चाहूँगा कि शायद 6252 का कल का ऊपरी स्तर निफ्टी के लिए एक ताजा शिखर हो।” उस समय तो वाकई निफ्टी 6252 के ऊपर निकलने के बदले गिरावट का रुझान पकड़ता दिखा और कल आरबीआई की मौद्रिक नीति सामने आने से पहले सुबह-सुबह 6079 तक फिसला। लेकिन अब क्या यह 6252 को फिर से चुनौती देगा? अगर इस बार यह 6252 को पार करता है, तो 6357 के रिकॉर्ड तक जाना बहुत स्वाभाविक माना जा सकता है।
लेकिन असली सवाल यह है कि क्या बाजार ऊपरी स्तरों पर टिका रह सकेगा? अगर 6357 के ऊपर निफ्टी के अगले महत्वपूर्ण लक्ष्य को देखें तो वह करीब 6500 का ही बनता है और उससे ऊपर 6700 का भी लक्ष्य तकनीकी रूप से बनता है। अगर सेंसेक्स के चार्ट की बात करूँ तो उस पर आगे 21,300, फिर 21,900 और उसके आगे 22,500 के बड़े लक्ष्यों की बात की जा सकती है।
लेकिन इन तकनीकी लक्ष्यों को पाने के लिए जरूरी दमखम क्या इस बाजार में है? यही वह पहलू है, जिसे लेकर मैं आश्वस्त नहीं हूँ। इसीलिए मेरे मन में यह आशंका मँडराती रहती है कि क्या बाजार फिलहाल एक नया शिखर बनाने के करीब है। शिखर बनाने के करीब होने का मतलब ही है कि आगे ढलान मिलेगी। लेकिन इस आशंका और सावधानी के बावजूद फिलहाल नजर रखते हैं निफ्टी के बाधा-क्षेत्र 6220-6250 पर। इसके पार होने पर बाजार की मौजूदा चाल को कुछ और जान तो मिल ही सकती है। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 30 अक्टूबर 2013)
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