मैं बाजार को लेकर सकारात्मक हूँ और चुनिंदा निवेश पर ध्यान दे रहा हूँ।
अभी ऐसे ही शेयर चुनें, जिनका कमोडिटी से संबंध न हो। उपभोक्ता खपत से जुड़े शेयरों से मुझे अच्छी उम्मीदें हैं। इस समय सारी दुनिया में काफी हलचल मची हुई है। हमें यह देखना होगा कि अमेरिका में क्या होता है। इसलिए सेंसेक्स के लक्ष्य बताना मुश्किल है। अगले छह महीनों में कच्चे तेल और विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति ही बाजार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। बड़ी चिंता यह है कि अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने पर वहाँ के बाजार में क्या होता है और विश्व अर्थव्यवस्था में धीमेपन का हमारे ऊपर कितना गंभीर असर रहता है।
अभी अमेरिका, भारत, फिलीपींस, इंडोनेशिया जैसे कुछ देशों को छोड़ कर पूरे विश्व में कहीं वृद्धि नहीं हो रही है। लेकिन कच्चे तेल में गिरावट, स्थिर सरकार, सुशासन पर ध्यान, नीतियों में स्थिरता और मोदी सरकार का होना भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक बातें हैं। भाजपा जिस तरह से राज्यों में चुनाव जीत रही है, उससे अगले दो साल में राज्य सभा की तस्वीर अलग होगी। बैंक, ऑटो और फार्मा जैसे क्षेत्र नये साल में अच्छा करेंगे। आईटी का प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं रहेगा। वहीं धातु (मेटल) और बाकी सभी कमोडिटी से जुड़े शेयर कमजोर रहेंगे। गुल टेकचंदानी, निवेश सलाहकार (Gul Teckchandani, Investment Advisor)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)