भारतीय बाजार को लेकर मेरा नजरिया सकारात्मक है, मगर वैश्विक कारणों से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
अगले छह महीनों में कच्चे तेल और वैश्विक अर्थव्यवस्था की चाल ही भारतीय बाजार के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहेगी। अमेरिकी डॉलर में तेजी के चलते वैश्विक निवेशक नकदी निकालने पर जोर देंगे। वहीं कच्चे तेल की कीमतें लुढ़कने से कुछ देशों की सरकारों के भुगतान में चूक (सोवरेन डिफॉल्ट) की आशंका रहेगी। हालाँकि भारत के लिए सकारात्मक पहलू यह है कि अर्थव्यवस्था वापस सँभल रही है और महँगाई घट रही है। साथ ही जीएसटी लागू होने की उम्मीद भी अच्छा असर डालेगी। संदीप सभरवाल, सीआईओ, सन कैपिटल (Sandeep Sabharwal, CIO, Sun Capital)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)