मुझे लगता है कि अगले एक साल में अर्थव्यवस्था की हालत में आने वाला सुधार मौजूदा अनुमानों की तुलना में हल्का रह सकता है।
रक्षा, रेलवे और सड़क के लिए सरकार की ओर से पूँजीगत खर्च विकास को तेज करने में मुख्य भूमिका निभायेगा। घरेलू निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) के परिदृश्य में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा। पर बिजली की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है। वर्ष 2015 की पहली छमाही में बाजार सपाट जैसा रह सकता है, जबकि साल के अंतिम हिस्से में यह ऊपर जा सकता है। जीडीपी में धीमा सुधार और अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की संभावना भारतीय बाजार की सबसे बड़ी चिंताएँ हैं। सरकारी खर्च कम होना भी चिंता की बात होगी। वहीं, अधिक कोयला उत्पादन और गैस की उपलब्धता के जरिये कम लागत पर ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद बाजार का सकारात्मक पहलू है। आनंद टंडन, निदेशक, ग्रिफन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (Anand Tandon, Director, Griffin Investment Advisors)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)