कैलेंडर वर्ष 2014 में भारतीय शेयर बाजार में निवेशक फिर से लौटे हैं।
उम्मीद है कि साल 2015 में निवेशकों की एक नयी पीढ़ी बाजार में आयेगी। बुनियादी ढाँचा परिसंपत्तियों और वित्तीय क्षेत्र में निवेश बढ़ने से निवेशकों को खपत, कमोडिटी और इंजीनियरिंग जैसे चुनिंदा क्षेत्रों में निवेश करने का प्रोत्साहन मिलेगा। वैश्विक निवेशक एफपीओ के तहत सेकेंड्री बाजारों में और पीई फंड उभरते कारोबारों में अधिक फंड आवंटन करेंगे। इसी तरह रक्षा, बुनियादी ढाँचा, बीमा और शेयर बाजार व्यवसाय में एफडीआई फंडों का आवंटन बढ़ेगा। मुझे मूल्यांकन में नयी रेटिंग होने की संभावना दिख रही है, जहाँ कमजोर प्रदर्शन का ठप्पा लग चुके शेयरों की तुलना में अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों को प्रीमियम मूल्यांकन मिलेगा।
साल 2015 में उन कंपनियों को असली फायदा पहुँचेगा जिन्होंने अपना निवेश चक्र पूरा कर के अपनी क्षमताओं को बढ़ा लिया है, क्योंकि निवेशक उनमें निवेश करने का यह एकदम उपयुक्त समय मानेंगे। कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर कंपनियाँ उत्पादन और वितरण लागत कम होने की वजह से बड़ा मुनाफा कमायेंगी। पूँजी की लागत कम होने से 2015-16 की दूसरी छमाही में हर क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में सुधार दिखने लगेगा। कैलेंडर वर्ष 2015 में अप्रैल-अगस्त के दौरान मुनाफावसूली और क्षेत्रों में फेरबदल के कारण शेयर बाजार में ठहराव आ सकता है।
कुल मिला कर, शेयर बाजार में सूचकांकों के बदले चुनिंदा शेयरों पर ज्यादा ध्यान रहेगा। लॉन्ग-ओनली (यानी लंबी अवधि के लिए खरीदारी करने वाले) फंड चुनिंदा दिग्गज शेयरों को अपने निवेश पोर्टफोलिओ में डालेंगे। इस समय मुख्य चिंता यह है कि फेडरल रिजर्व दरों में तेज बढ़ोतरी कर सकता है। साथ ही रूस और चीन जैसे बाजारों में व्यवधान आ रहा है। भारत में सुधारों की धीमी चाल और ब्याज दरें घटने के लिए अनुमानों से ज्यादा लंबा इंतजार भी चिंताजनक है। दूसरी ओर बजट में आर्थिक सुधारों की उम्मीदें, जीएसटी एवं बीमा बिल, ब्याज दरों में कटौती की संभावना और बुनियादी ढाँचागत क्षेत्र में निवेश पर जोर बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। देवेन चोकसी, एमडी, के आर चोकसी सिक्योरिटीज (Deven Choksey MD, K R Choksi Securities)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)