तीखी गिरावट आये तो खरीदारी करें
रवि के. गुप्ता, एमडी, टॉरस म्यूचुअल फंड
फिलहाल भारतीय शेयर बाजार एक चौराहे पर खड़ा दिख रहा है और अगले कुछ महीनों की अवधि में सूचकांक की दिशा घरेलू और वैश्विक, दोनों परिदृश्यों पर निर्भर करेगी।
फिलहाल भारतीय शेयर बाजार एक चौराहे पर खड़ा दिख रहा है और अगले कुछ महीनों की अवधि में सूचकांक की दिशा घरेलू और वैश्विक, दोनों परिदृश्यों पर निर्भर करेगी।
निफ्टी 50 में अभी जो नरमी है, वह इसे अधिक से अधिक 7,200 के निचले स्तर की ओर ला सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह नरमी कई महत्वपूर्ण अग्रणी शेयरों में खरीदारी के अच्छे अवसर उपलब्ध करायेगी।
निम्न महँगाई, कई वर्षों के निम्न स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों, रिजर्व बैंक के समायोजी रुख और खनन, रेलवे, रक्षा, बैंकिंग, सड़क, बिजली जैसे क्षेत्रों में मुद्दों को सुलझाने के प्रति सरकार के कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढऩे को तैयार है।
बाजार के बारे में मेरा नजरिया सकारात्मक है। उद्योग की स्थिति में सुधार होने लगा है, जो बाजार के लिए सबसे अच्छी बात है। मगर कांग्रेस और विपक्ष का मौजूदा रुख बाजार के लिए नकारात्मक है।
लंबी अवधि की दृष्टि से वर्ष 2016 बहुत ही संभावनाशील लग रहा है। अगले दो-तीन माह निवेशकों के लिए आदर्श प्रवेश बिंदु साबित होंगे। अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत मजबूत है।