वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र और बुनियादी ढाँचे (Infrastructure) के लिए आवंटन में भारी वृद्धि की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि सस्ते आवासों (Affordable Housing) को बुनियादी ढाँचा (Infrastructure) दर्जा दिया जायेगा। बजट भाषण के आरंभ में उन्होंने अपनी सरकार की एक प्रमुख सफलता के रूप महँगाई दर घटने का उल्लेख किया है। साथ ही उन्होंने नोटबंदी के प्रभावों के बारे में भी सदन को भरोसा दिलाया है। बजट भाषण की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- बुनियादी ढाँचे पर खर्च 3.96 लाख करोड़ रुपये का
- रक्षा बजट 10% बढ़ा कर 2,74,000 करोड़ रुपये का
- बैंको को नयी पूँजी उपलब्ध कराने के लिए 10,000 करोड़ रुपये
- मुद्रा योजना के तहत 2017-18 में कर्ज वितरण लक्ष्य दोगुना करके 2.44 लाख करोड़ रुपये
- आवास क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणा - सस्ते आवासों को बुनियादी ढाँचा दर्जा
- ग्रामीण, कृषि क्षेत्र एवं संबंधित उद्योगों के लिए कुल आवंटन 24% बढ़ा कर 1.87 लाख करोड़ रुपये
- मई 2018 तक गाँवों का 100% बिजलीकरण
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर 27,000 करोड़ रुपये का खर्च
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़क निर्माण की गति 2016-17 में 133 किलोमीटर प्रति दिन, 2011-14 में 73 किलोमीटर प्रति दिन की गति
- किसानों के लिए छोटे जाँच-केंद्र, अतिरिक्त 100 जाँच-केंद्र उद्यमियों द्वारा लगाये जायेंगे
- 2017-18 में मनरेगा का लक्ष्य 48,000 करोड़ रुपये का
- 1 करोड़ परिवारों को 2019 तक गरीबी से बाहर निकालने का लक्ष्य
- 585 बाजारों में राष्ट्रीय कृषि बाजारों का विस्तार
- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए आधुनिक कानून तैयार होगा
- नाबार्ड के तहत लंबी अवधि का सिंचाई कोष, 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि
- नोटबंदी का असर अगले वित्त वर्ष में नहीं रहेगा
- नाबार्ड के तहत 8,000 करोड़ रुपये का डेयरी प्रसंस्करण बुनियादी ढाँचा कोष बनेगा
- नाबार्ड 5000 करोड़ रुपये का लघु सिंचाई कोष बनायेगा
- ग्रामीण बुनियादी ढाँचे और सामाजिक योजनाओं पर खर्च बढ़ाने का इरादा
- 2017-18 में 10 लाख करोड़ रुपये के कृषि कर्ज, मौजूदा वित्त वर्ष का लक्ष्य 9 लाख करोड़ रुपये का
- फसल बीमा के लिए 9,000 करोड़ रुपये
- फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा कर 40% होगा, 2018-19 में 50% दायरा
- 5 साल में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
- 2016-17 की पहली छमाही में चालू खाता घाटा (CAD) कम होकर 0.3% रहा
- उपभोक्ता महँगाई दर (CPI) जुलाई 2016 के 6% से घट कर दिसंबर 2016 में 3.4% पर
- महँगाई दर पर नियंत्रण पाया गया
(शेयर मंथन, 01 फरवरी 2017)