देश में सोने की माँग जुलाई-सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10% बढ़ कर 183.2 टन हो गयी।
डब्ल्यूजीसी ने गुरूवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। सोने की बढ़ती कीमतों और बाजार में नकदी/तरलता की कमी से इस बार धनतेरस और दिवाली पर सोने की माँग सामान्य रह सकती है।
डब्ल्यूजीसी की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की ‘स्वर्ण मांग रुख’ रिपोर्ट के अनुसार कीमतों के आधार पर देश में इस दौरान सोने की मांग 14 प्रतिशत बढ़ी। सोने के भाव गिरने से मांग में तेजी आयी।
हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से सोने के स्थानीय भाव प्रभावित हुए और इनमें तेजी देखी गयी। जल्द ही सोने के भाव बिना किसी टैक्स के 32,000-33,000 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गये। सोने में खरीदारी के अवसर कम होने और केरल जैसे प्रमुख बाजार के बाढ़ से प्रभावित होने के कारण इस तिमाही में सोने की मांग पर असर देखा गया।
साल की आखिरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) आम तौर पर सोने की मांग के लिए अच्छी रहती है। त्यौहारों और शादियों के चलते इस दौरान सोने की मांग और खरीद बढ़ती है। इसके बावजूद भी इस साल सोने की मांग इस दौरान सामान्य बने रहने के अनुमान लगाये जा रहे हैं, क्योंकि बाजार में तरलता की कमी है। इसके अलावा देश के कुछ राज्यों में चुनाव की वजह से इसकी आवाजाही भी प्रभावित हो सकती है।
डब्लूजीसी के मुताबिक साल भर में सोने की मांग कम रहने का अनुमान है। यह 700 से 800 टन के दायरे में रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में इस साल आभूषणों की कुल मांग 10 प्रतिशत बढ़कर 148.8 टन रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 134.8 टन थी। (शेयर मंथन,02 नवंबर 2018)