सूचना प्रबंधन विशेषज्ञ प्राइम डेटाबेस (Prime Database) की नयी रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक इक्विटी बाजार (Private Equity Market) के जरिये वित्त वर्ष 2016-17 में 51,120 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में 3.46 गुना 1,77,116 करोड़ रुपये जुटाये गये।
इसमें नयी पूँजी 51% (91,205 करोड़ रुपये) और शेष 49% (85,911 करोड़ रुपये) ओफर फोर सेल (ओएफएस) के जरिये जुटायी गयी। 2009-10 में जुटाये गये 86,710 करोड़ रुपये के बाद यह इक्विटी बाजार का स्रवश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इक्विटी बाजार में 2017-18 आईपीओ (IPO) के लिए भी सबसे शानदार कारोबारी साल रहा। 45 कंपनियों के आईपीओ के माध्य़म से बाजार में 82,109 करोड़ रुपये आये, जबकि इससे पहले 2007-08 में सर्वाधिक 41,323 करोड़ रुपये आईपीओ के माध्यम से जुटाये गये थे। इस साल जनरल इंश्योरेंस कॉर्प का 11,257 करोड़ रुपये का आईपीओ आकार में सबसे बड़ा रहा।
वित्त वर्ष 2017-18 में आईपीओ की कुल पूँजी में से 64% (52,340 करोड़ रुपये) हिस्सा प्रमोटरों द्वारा ऑफर फोर सेल का रहा। गौरतलब है कि आईपीओ लाने वाली 45 में से 34 कंपनियों ने एंकर निवेशकों से कुल राशि का 19% हिस्सा प्राप्त किया। इनमें घरेलू निवेशकों की 9% और विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 10% रही।
2017-18 में निवेशकों ने भी आईपीओ में काफी दिलचस्पी दिखायी। 17 आईपीओ इश्यू को 10 गुना से अधिक आवेदन मिले, जिनमें सालासर टेक्नो (Salasar Techno) को रिकॉर्ड 270 गुना, एस्ट्रॉन पेपर (Astron Paper) को 241 गुना, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (Apollo Micro System) को 176 गुना और कैपेसाइट इन्फ्राप्रोजेक्ट्स (Capacite Infraprojects) को 130 गुना आवेदन भेजे गये।
जहाँ तक खुदरा निवेशकों का सवाल है तो उनकी तरफ से भी प्रतिक्रिया शानदार रही। खुदरा निवेशकों की ओर से सर्वाधिक 19.42 लाख आवेदन कोचिन शिपयार्ड को मिले, जबकि हुडको (HUDCO) को 18.74 लाख, सीडीएसएल (CDSL) को 17.29 लाख, रिलायंस निप्पॉन लाइफ (Reliance Nippon Life) को 15.60 लाख औऱ गोदरेज एग्रोवेट (Godrej Agrovet) को 14.45 लाख आवेदन भेजे गये।
निवेशकों की ओर से मिली शानदार प्रतिक्रिया के साथ ही कंपनियों ने भी सूचकांकों पर अच्छी शुरुआत की। सूचीबद्ध होने वाली नयी 38 कंपनियों में से 17 ने निवेशकों को 10% से अधिक रिटर्न दिया। इनमें सालासर टेक्नो ने धमाकेदार 152%, एस्ट्रॉन पेपर ने 139% और सीडीएसएल ने 76% का रिटर्न दिया।
मुख्यबोर्ड आईपीओ के साथ-साथ एसएमई आईपीओ (SME IPO) में 2017-18 के दौरान फिर से काफी सकारात्मक हलचल देखने को मिली। 2017-18 में 155 एसएमई आईपीओ ने 2,247 करोड़ रुपये जुटाये, जबकि इससे पहले 80 एसएमई आईपीओ द्वारा 825 करोड़ रुपये का आँकड़ा सर्वश्रेष्ठ था। 2017-18 में सबसे शानदार आईपीओ ईस्ट इंडिया सिक्योरिटीज (East India Securities) (88 करोड़ रुपये) का रहा।
प्राइम डेटाबेस के आँकड़ों के अनुसार शेयर सूचकांकों के जरिये ऑफर फोर सेल (ओएफएस) के माध्यम से पिछले कारोबारी साल में 8,390 करोड़ रुपये की पूँजी आयी थी, जो 2017-18 में 18,438 करोड़ रुपये हो गयी। इनमें सरकार की भागीदारी 75% (13,821 करोड़ रुपये) रही। सबसे बड़ा ओएफएस इश्यू एनटीपीसी (9,192 करोड़ रुपये) का रहा। वहीं क्यूआईपी (QIP) के माध्यम से 52 कंपनियों ने अब तक किसी भी वर्ष में सर्वाधिक 62,358 करोड़ रुपये जुटाये। इसके अलावा दो कंपनियों ने आईपीपी (IPP) के जरिये 4,668 करोड़ रुपये की राशि हासिल की। वहीं राइट्स इश्यू के माध्यम से कंपनियों ने पिछले कारोबारी साल के 3,424 करोड़ रुपये के मुकाबले 524% अधिक 21,350 करोड़ रुपये जुटाये। इनमें सबसे बड़ा राइट्स इश्यू टाटा स्टील (12,704 करोड़ रुपये) का रहा। इसके बाद इंडियाबुल्स वेंचर्स ने राइट्स इश्यू के माध्यम से 2,000 करोड़ रुपये, पिरामल एंटरप्राइजेज ने 1,978 करोड़ रुपये और इंडियन होटल्स ने 1,500 करोड़ रुपये जुटाये।
प्राइम डेटाबेस के मुताबिक 14 वर्षों बाद असल डिवेस्टमेंट लक्ष्य (72,500 करोड़ रुपये) की प्राप्ति की गयी है, जबकि पिछले कई वर्षों में संशोधित कर यह लक्ष्य घटाया जाता रहा है। 2017-18 में डिवेस्टमेंट लक्ष्य पहली बार बढ़ा कर 72,500 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये किया गया।
प्राइम डेटाबेस ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि 2018-19 के दौरान माध्यमिक बाजार में और अधिक परिवर्तनशीलता देखने को मिल सकती है। इस समय 12 कंपनियों के पास 10,395 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी की मंजूरी है, जबकि अन्य 18 कंपनियाँ 29,382 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए सेबी की मंजूरी चाहती हैं। मगर जैसा कि अतीत में देखा गया है, अस्थिरता और नकारात्मक भावना जारी रहने पर यह आँकड़े गायब हो सकते हैं। (शेयर मंथन, 29 मार्च 2018)
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